‘मोदी नोटबंदी योजना’ का एक गंभीर छिपा हुआ, सार-गर्भित व बंधनकारी रहस्य ?
‘मोदी नोटबंदी योजना’ का एक गंभीर छिपा हुआ, सार-गर्भित व बंधनकारी रहस्य – सीए के. सी. मूंदड़ा
वर्तमान में देश में बहुद्देशीय ‘मोदी नोटबंदी योजना’ का व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन हम सब देख रहे है तथा इसमे सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से भाग ले रहे है. इस योजना के कई उद्देश्य है. हमारे प्रधान मंत्री मोदीजी इस योजना के माध्यम से काला धन, नकली नोट, आतंकवाद, ड्रग कारोबार व नक्सलवाद को समाप्त करना चाहते है. इन उद्देश्यों के अलावा इस योजना के कई रहस्य है जिनमे एक बहुत ही गंभीर रहस्य है जिसका अहसास बहुत कम लोगो को है.
आम भारतीय नकली नोट, आतंकवाद, ड्रग कारोबार व नक्सलवाद को समझता अवश्य है लेकिन कुछ ही नागरिको का इन बुराइयों से प्रत्यक्षत: पाला पड़ता है जिससे इन बुराइयों का आम भारतीय की नियमित लाइफ प्रभावित नहीं होती है. लेकिन काला-धन (दो नंबर) का अर्थ किसी को पता हो या नहीं लेकिन काला-धन (दो नंबर) से प्रत्यक्षत: हर किसी का पाला पड़ता रहता है.
हम सब को दिख रहा है व समझ में आ रहा है कि ‘मोदी नोटबंदी योजना’ में 500-1000 के नोट बंद कर दिए गए तथा प्रत्यक्ष सच्चाई भी यही है. लेकिन इस योजना में एक छिपा हुआ रहस्य है जो आम नागरिक को सीधा-सीधा महसूस ही नहीं हो रहा है. यह छिपा हुआ रहस्य है कि ‘मोदी नोटबंदी योजना’ के बहाने मोदीजी प्रत्येक भारतीय नागरिक / संस्था की ‘नकदी / रोकड़ / कैश ’ की घोषणा भी करवा रहे है तथा एक तरह से प्रत्येक भारतीय नागरिक अपनी-अपनी 08.11.2016 की ‘नकदी / रोकड़ / कैश ’ बैलेंस (शेष) की घोषणा बैंक में 500-1000 के नोट जमा करवा के कर रहा है.
इसलिए इस ‘मोदी नोटबंदी योजना’ को आयकर विभाग की नजर में इसे ‘नकदी घोषणा योजना’ भी कह सकते है. यह बात भी सत्य है कि 500-1000 के नोटो की घोषणा से शत-प्रतिशत नकदी घोषणा नहीं हो सकती लेकिन आपकी ज्यादातर (85% तक) ‘नकदी / रोकड़ / कैश’ की घोषणा हो जायेगी जिससे हम सबकी ‘नकदी / रोकड़ / कैश’ का सीमांकन / अपर लिमिट तय हो जाएगा.
ऐसा नहीं है कि ‘नकदी घोषणा योजना’ से सिर्फ व्यापार जगत ही बंधन में आयेगा. व्यापारियों से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का ज्यादा मजबूत बंधन हो रहा है. अब यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी व उसका परिवार भ्रष्टाचार के मामले में नकदी के साथ पकड़ा जाएगा तो अब बहानो व सफाई की ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी. भविष्य में 08.11.2016 की ‘नकदी / रोकड़ / कैश ’ की घोषणा को आधार बना कर ऐसे सरकारी कर्मचारी के खिलाफ प्रमाणिक केस बन सकेगा.
हालाकि इस ‘मोदी नोटबंदी योजना’ में आपको अपनी सारी ‘नकदी / रोकड़ / कैश’ (500-1000 के नोटो को छोड़कर) की घोषणा करना अनिवार्य नहीं है लेकिन यह चुप्पी भी दुधारी तलवार जेसी है. अत: आपको अपनी लगभग पूरी ‘नकदी / रोकड़ / कैश’ (500-1000 के नोटो को छोड़कर) को बैंक में जमा करके उसकी घोषणा करनी ही है. यदि किसी ने कम घोषणा की तो भी उसका नुकसान होगा और ज्यादा घोषणा की तो भी उसका नुकसान होने की पूरी पूरी संभावनाए रहेगी. अत: इस योजना को मात्र ‘नोटबंदी योजना’ ही नहीं समझना चाहिए बल्कि इसे ‘नकदी घोषणा योजना’ समझ कर ही अपनी ‘नकदी / रोकड़ / कैश’ बैंक में जमा करानी चाहिए.
यहाँ पर यह भी ध्यान रहना चाहिए कि यदि कोई (95% मामलों में ) 08.11.2016 की ‘नकदी / रोकड़ / कैश ’ की घोषणा में अपने पास 85% से कम 500-1000 के नोटो की घोषणा करता है तो उन मामलों को आयकर विभाग संदेह की नजर से देख सकता है.
सीए के. सी. मूंदड़ा