आयकर एडवांस-टैक्स की प्रथम तिमाही में 41% बढ़ोतरी भ्रामक व अर्द्ध-सत्य – सच्चाई क्या है ?
आयकर एडवांस-टैक्स की प्रथम तिमाही में 41% बढ़ोतरी भ्रामक व अर्द्ध-सत्य – सच्चाई क्या है ?
प्रधान मंत्री मोदी जी (PM Modi) के बड़े से बड़ा विरोधी भी मानता है कि मीडिया मैनेजमेंट (Media Management) व जनता में सच्चा-झूठा प्रचार (False Propaganda) करने में मोदी सरकार (Modi Government) का कोई मुकाबला ही नहीं है. जून, 2017 (June, 2017) के बाद से 3-4 बार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (Print and Electronic Media) में यह प्रचारित करवाया गया तथा करवाया जा रहा है कि आयकर एडवांस-टैक्स (Advance Income-tax) की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून 2017) First Quarter (April-June 2017) में 41% बढ़ोतरी (41% Growth) हुई है.
मजे की बात यह भी है कि सरकार द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि इस बढ़ोतरी का कारण नोटबंदी ( Demonetization ) व कालेधन (Black Money) के विरूद्ध सरकारी योजनाओं का परिणाम है. जब सरकार दावा करती हो तथा देश का जिम्मेदार मीडिया इस बात को न्यूज़ के रूप में बार-बार दोहराता हो तो अविश्वास का कोई कारण नहीं रह जाता लेकिन आयकर एडवांस-टैक्स की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून 2017) में 41% बढ़ोतरी की बात सत्य होते हुए भी भ्रामक व अर्द्धसत्य मात्र है.
पूर्ण सच्चाई यह है कि वितीय वर्ष 2016-17 (April 2016 to March 2017) तक कंपनियों को छोड़कर शेष सभी कर-दाताओं को तीन किश्त ( 3 Installments of Advance Income-tax) में ही अग्रिम-कर जमा कराना होता था. पहली किश्त 15 सितम्बर तक (Not less than 30%), दूसरी किश्त 15 दिसम्बर तक (Not less than 60%) व तीसरी किश्त 15 मार्च (Balance Tax Amount) तक जमा करानी होती थी लेकिन इस वर्ष अग्रिम-कर जमा कराने के लिए तीन किश्तों को बढ़ाकर चार किश्त कर दिया गया है.
इस तरह से आयकर के इतिहास में पहली बार वितीय वर्ष 2017-18 (Financial Year 2017-18) से कंपनियों के साथ-साथ शेष सभी कर-दाताओं को भी चार किश्तों ( 4 Installments of Advance Income-tax) में अग्रिम-कर जमा कराना अनिवार्य कर दिया है. पहली किश्त 15 जून (Not less than 15%), दूसरी किश्त 15 सितम्बर (Not less than 45%), तीसरी किश्त 15 दिसम्बर (Not less than 75%) व चौथी किश्त 15 मार्च (Balance Tax Amount) तक जमा करानी होगी.
इस नए प्रावधान के कारण आयकर के इतिहास में अग्रिम-कर की पहली नई किश्त 15 जून से पहले जमा कराई गयी जो इससे पहले कभी जमा नहीं हुई. इस पहली व नई किश्त के कारण ही वितीय वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में अग्रिम-कर में 41% की बढ़ोतरी के रूप में बताया जा रहा है जबकि पिछले वर्ष ऐसी किसी भी किश्त की व्यवस्था ही नहीं थी. इस नई व पहली किश्त में 41% की बढ़ोतरी को सरकार नोट बंदी व काले-धन (Black Money) के खिलाफ सरकार के प्रयासों को जीत बता रही है जो न केवल अर्द्ध-सत्य (Half Truth) है बल्कि भ्रामक व झूठी वाही-वाही बटोरने का प्रयास मात्र है.
देश का इमानदार मीडिया व देश के विपक्षी नेताओं को भी इस सच्चाई को जानने की फुर्सत ही कहा है. ऐसे में सरकार का मीडिया मैनेजमेंट झूठी वाही-वाही (False Credit) लेने में सफल होता है तो इसमे सरकार से भी ज्यादा देश का जागरूक-इमानदार मीडिया (Honest & Active Media) व देश के विपक्षी नेताओं (Opposition Leaders) का दोष है. कभी-कभी ऐसा आभास होता है कि कही नोट बंदी व काले-धन (Black Money) के खिलाफ सरकार के प्रयासों की सफलता दिखाने के लिए ही इस नई चौथी (पहली) किश्त की शुरूआत की गयी हो.