आयकर सर्च-सर्वे में कुत्ता, करदाता, आयकर अधिकारी और आयकर ट्रिब्यूनल
आयकर सर्च-सर्वे में कुत्ता, करदाता, आयकर अधिकारी और आयकर ट्रिब्यूनल
(इस विषय का विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करे)
आज आयकर, अत्याचार और भ्रष्टाचार की 7 वी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ.
कुत्ते से जुडी ऐसी दो कहानिया है, उसमे से आज एक कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ.
आज का विषय है – आयकर सर्च-सर्वे में कुत्ता, करदाता, आयकर अधिकारी और आयकर ट्रिब्यूनल.
मामला आयकर सर्वे का राजस्थान के केकड़ी शहर का है, करदाता का नाम है – मुंदड़ा वूलन मिल्स प्राइवेट लिमिटेड और डायरेक्टर श्री शिवरतन मुंदड़ा.
वेसे मामला 2007 का है लेकिन उसे आयकर ट्रिब्यूनल में 2019 में (कल ही) पुन: दोहराया गया. इसलिए इसे एक दम ताजा मामला भी कह सकते है.
2007 में सर्वे के दोरान श्री शिवरतन मुंदड़ा के बयान हुए थे और सर्वे के तीसरे दिन तबियत खराब हो जाने के कारण डायरेक्टर को हॉस्पिटल ले जाना पडा और सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पडा था.
जिससे सर्वे टीम के इंचार्ज आयकर अधिकारी श्री रमेश सिंघल ने अपने हिसाब से एक दूसरे अधिकारी श्री माथुर से झूठी कहानी लिखवा कर बयान को बंद किया.
उस इकतरफा समापन बयान को सभी श्रोताओं को सुनाना चाहूंगा और दिखाना भी चाहूंगा. इसी झूठे बयान को 26 अगस्त (कल) को आयकर आयुक्त (अपील) अजमेर के हवाले से आयकर ट्रिब्यूनल जयपुर बेंच में पढ़कर दोहराया गया.
इस विडियो से जुड़े सभी दस्तावेज आप CO.IN पर देख सकते है – पढ़ सकते है.
सुनिए प्रश्न 19 में क्या लिखा गया एक आयकर अधिकारी द्वारा – ———————-
और उत्तर में स्वयं अधिकारी ने क्या जबाव लिखा गया —————————————–
जो उत्तर लिखा गया था वह बड़ा ही झूठा और निंदनीय था और अब आपके सामने सबूत भी रख रहा हूँ.
अभी मेने आपको प्रश्न सुनाया था, उसमे अधिकारी 20.09.2007 को स्वयं ही लिखता है, “ आपकी कम्पनी द्वारा ………… यानी 31 march 2007 को जो अंतिम रहतिया (क्लोजिंग स्टॉक) बताया गया उसका क्या आधार है, कृपया स्पष्ट करे?
अधिकारी ने जो लिखा – “ शिवरतन मुंदड़ा ने इस प्रश्न का कोई जबाव नहीं दिया एवं टालमटोल करता रहा . ………………………………………… बाद में तबियत बिगड़ने का बहाना बना कर अस्पताल में भरती हो गया जिसकी वजह से आगे के स्टेटमेंट हम पूरा नहीं कर सके.
इस झूठी कहानी का सबसे बड़ा सबूत तो यह है कि 31 March 2007 का computerised स्टेटमेंट / Stock Summary पहले ही दिन 18.09.2007 को स्वयं आयकर अधिकारी श्री सिंघल ने ले लिया था. देखिये स्वयं सिंघल और शिवरतन द्वारा हस्ताक्षरित Stock Summary. इसे आप newsclub पर देख सकेंगे और पढ़ सकेंगे जिसे आयकर ट्रिब्यूनल के जजों को भी दिखाया गया.
दूसरा बड़ा अमानवीय झूठ था का बीमारी के बहाने का आरोप. लगातार तीन दिन के उत्पीडन को झेलने से शिवरतन बेहोश हो गया जिसे सभी ने मिलकर हॉस्पिटल पहुचाया था न कि वो स्वयं हॉस्पिटल में भरती हुआ था. अखबार की खबर भी पढ़े उस दिन की.
सरकारी काम में बाधा पहुचाने की कोई FIR आयकर अधिकारी द्वारा दर्ज नहीं कराई गयी जबकि उलटा करदाता को डराने-धमकाने में पुलिस का उपयोग किया गया.
कहानी अभी समाप्त नहीं हुई, उस स्व: रचित कहानी में यह भी झूठा लिखा गया था, “सर्वे आख़िरी दिन उसने हमें धमकाने के लिए अपना German Shepard कुत्ता हमारी टीम के पास बुला लिया.”
हकीकत यह थी कि आयकर सर्वे प्रारम्भ होने पर कुत्ते को फैक्ट्री में स्थित प्रशासनिक कार्यालय की छत पर बंद कर दिया गया था और किसी को ध्यान ही नहीं रहा कि वो कुत्ता तीन दिन से ऊपर ही भूखा-प्यासा था. शिवरतन को हॉस्पिटल ले जाने बाद और लगभग सर्वे की कार्यवाही को समाप्त देख किसी कर्मचारी को ध्यान आने पर, कुत्ते को नीचे लाया था.
लेकिन देखिये इस बेचारे कुत्ते को भी आयकर वालो ने अपनी कार्यवाही में शामिल कर लिया.
इसी पूरी कहानी में अपील अधिकारी संदीप कपूर जेसे उच्च अधिकारी ने अपने आदेश में व पूरे विभाग ने शिवरतन को आयकर ट्रिब्यूनल सामने इस झूठी कहानी से एक बदमाश करदाता साबित करने की कोशिश कर आयकर ट्रिब्यूनल की जजों को भी प्रभावित करने की कोशीश की.
लेकिन कल आयकर ट्रिब्यूनल में भी करदाता की तरफ से इस झूठी कहानी को बेनकाब करने का ससबूत पूरा प्रयास किया गया.
देखिये, एक इमानदार करदाता को परेशान करने के लिए, किस किस तरह की झूठी कहानिया बनाने वाले आयकर विभाग के जिम्मेदार और इमानदार अधिकारी है.
इस सर्वे के दौरान व बाद में भी हुई ज्यादातिया, फर्जीवाडो और धोखा-धडी की कई कहानिया अभी आपके सामने आयेगी, जिससे आम करदाता शायद कुछ सिख पायेगा.
अगला एपिसोड देश की गिरती अर्थ-व्यवस्था पर कल आ रहा है, जरूर सुनियेगा.