Monday, September 2, 2019

कालेधन को नए नोटों में बदलने के बेंकिंग फोर्मुलो से नोटबंदी योजना में करोड़ो की सेंधमारी  

कालेधन को नए नोटों में बदलने के बेंकिंग फोर्मुलो से नोटबंदी योजना में करोड़ो की सेंधमारी 

 कई बैंक, कई बैंक की शाखाओं व विशेष तोर से सहकारी बैंको ने कालेधन को नए नोटों में बदलने के बेंकिंग फोर्मुलो से नोटबंदी योजना में करोड़ो की सेंधमारी कर डाली. परिणाम स्वरुप 20% से लेकर 40% डिस्काउंट पर खुल्लेआम नए नोट बिक रहे है. भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा का इस कदर व्यापार हुआ है.

 आपको जितने नए नोट चाहिए, सहकारी बादशाहों की बैंको में उपलब्ध है. राजस्थान के सिरोही, अलवर, भरतपुर आदि जेसे छोटे शहरों में सहकारी बैंको की पूरी मेहरबानी है जिससे कमाई का जबरदस्त नया रास्ता खुल गया गया है . ऐसी बैंको में कुछ निम्न बेंकिंग फोर्मुलो से दो नंबर के पुराने-बंद नोटों (काला धन) को नए नोटों में बदला जा रहा है लेकिन केन्द्रीय सहकारी बेंक के अलावा दूसरी बड़ी निजी सहकारी बैंको पर अभी तक कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है –

  >1. ताजा व मोटा शिकार ’निष्क्रिय बैंक खाते’ है जिनमे पुराने रूपये जमा दिखाकर, निकासी स्लिप पर फर्जी हस्ताक्षर करवाकर नए नोट निकाले जा रहे है. ऐसे ’निष्क्रिय बैंक खातो’ का कोई धणी-धोरी नहीं है. ऐसा करने के लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता ही नहीं है. कई जगहों पर तो बिना निकासी स्लिप के ही निकासी हो रही है, निकासी स्लिप बाद में तेयार की जा रही है या करली जायेगी.

 >2. कई बचत खातो में बिना खाता मालिक की जानकारी के पुराने-बंद रूपये जमा (क्रेडिट) किये जा रहे है तथा ठीक उसी दिन निकासी स्लिप पर फर्जी हस्ताक्षर करवाकर नए नोट निकाल कर उस खाते को डेबिट (नावे) किया जा रहा है जिससे उस खाते का बैलेंस नहीं बदल रहा है. यदि भूलवश किसी खातेदार को इन एंट्रीयो के बारे में पता चल जाता है तो उन्हें समझाया जाता है कि गलती से जमा हो गयी थी, अत: वापिस नामे (डेबिट) किये है. ऐसा करने के लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता ही नहीं है. कई जगहों पर तो बिना निकासी स्लिप के ही निकासी हो रही है, निकासी स्लिप बाद में तेयार की जा रही है या करली जायेगी.

>3. 4000 की नोट बदली के लिए आई.डी.प्र्रूफ  का धडले से दुरूपयोग हो रहा है. विभिन्न ई-मित्रो, आधार केन्द्रों, पेनकार्ड ऑफिस आदि कई अन्य स्थानो पर हजारो की संख्या में आई.डी.प्र्रूफ की फोटो कॉपिया पड़ी है.  4000 के आवेदन पर फर्जी हस्ताक्षर करके, उन आवेदनों को ऐसे आई.डी.प्र्रूफ के साथ मिलीभगत कर बैंक कर्मियों के घर पहुचा दिए जाते है तथा शाम / रात्री को बैंक कर्मियों के घर से रिश्वत का पैसा काटकर नए नोट ले लिए जाते है या होम डिलीवरी कर दी जाती है, जिससे बिना बैंक जाए घर बेठे ही सरकार को बेवकूफ बनाया जा रहा है.

>4. कुछ सहकारी बैंको के पास पेन कार्ड सेंटर होने से उनके पास आई.डी.प्र्रूफ की कोई कमी नहीं है. ऐसे आई.डी.प्र्रूफ की नकलों व फर्जी हस्ताक्षर से 4000-4500 की निकासी की जा रही है. ऐसे हर आवेदन के साथ खुद को उपस्थित होना होता है, अन्यथा अथॉरिटी पत्र साथ में देना होता है लेकिन न तो कोई उपस्थित हो रहा है और न हीं कोई अथॉरिटी पत्र लिए जा रहे है तथा जिसके झूठो नाम से नोट बदले ले / बदलवाये जा रहे है, वो बेचारे ऐसे षडयन्त्रो से अनविज्ञ है.

>5. सबसे प्रचलित धांधली व घोटाले 4000-4500 रूपये के नोट बदलने में खुल्लेआम हो रही है जो हर किसी बैंक में हो रही है है लेकिन बैंक खातो में धांधली व घोटाले ज्यादातर सहकारी बैंको द्वारा की जा रही है.

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