क्या जीएसटी मार्च, 2019 तक समाप्त हो जाएगा – GST will be abolished ?
क्या जीएसटी मार्च, 2019 तक समाप्त हो जाएगा – GST will be abolished ?
इसमे कोई संदेह नहीं है कि देश की बाहुबली मोदी सरकार बिना तेयारी के थोपे गए जीएसटी क़ानून को मनमाने तरीके से लागू कर के ही मानेगी लेकिन कुछ जन-चर्चाओं पर विश्वास करे तो मार्च, 2019 तक जीएसटी क़ानून समाप्त कर दिया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी के सर्वेसर्वा खेंवनहार माननीय मोदी जी के नये सूत्र के अनुसार उन्हें अब व्यापारिक समाज वोट चाहिए ही नहीं बल्कि उनकी अब सोच बन चुकी है कि व्यापारिक समाज को प्रताड़ित करने से देश के गरीब लोगो की सहानुभूति मिलेगी जिससे “ कांग्रेस का वोट बैंक बीजेपी का हो जाएगा और मजबूत विपक्ष के अभाव में व्यापारी भी कहा जाएगा ”.
बाहुबली मोदी जी तो कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन हकीकत यह है कि जीएसटी राज से फेली अव्यवस्था, टेंशन व कष्टों से व्यापारिक समाज पूरी तरह से उखड़ा हुआ है. व्यापारी को टैक्स से उतनी तकलीफ नहीं है जितनी जीएसटी की क्रियान्वयन की अव्यस्था से. अपने अहम् के चलते झूठ की गाडी कितनी भी चलाले, अंतत: उसे सत्य के धरातल पर आना ही पडेगा. भले ही मोदी जी कुछ भी नहीं बोले या कितना भी झूठ बोले, उनको भी अहसास हो जाएगा कि जीएसटी से देश व व्यापारिक समाज को कितना नुकसान हुआ है और होगा.
क्या मार्च, 2019 तक जीएसटी क़ानून समाप्त हो जाएगा : यथार्थ तो यह है कि जीएसटी क़ानून अब भारत की एक सच्चाई है जिसे अब खारिज नहीं किया जा सकता. मै स्वयं जन-चर्चा से पूर्णत: सहमत नहीं हूँ. मेरा मानना है कि मार्च, 2019 तक वर्तमान जीएसटी क़ानून की पूरी शक्ल ही बदल सकती है तथा 80% से भी ज्यादा व्यापारी जीएसटी क़ानून से पूरी तरह से आजाद हो सकते है.
जीएसटी क़ानून से छुटकारा केसे मिल सकता है : यदि देश के व्यापारी जीएसटी क़ानून के विरोध को कायम रख पाते है तथा चुनावों में बीजेपी का विरोध निश्चित कर ले तो निश्चित ही मोदी जी को सोचना पडेगा और उस स्थिति में गुजरात विधान-सभा चुनावों से पहले ही जीएसटी क़ानून में सुधार होने शुरू हो जायेंगे. लेकिन इसमे भी शंका है कि व्यापारी का विरोध उसे तब तक याद रहेगा.
जीएसटी विरोधी नई पार्टी का उदय : शीघ्र ही, और हो सकता है गुजरात चुनावों से पहले ही कोई नई पार्टी व नया नेतृत्व पैदा हो जाए, जिसका मुख्य आधार ही जीएसटी व वर्तमान व्यवस्था का विरोध हो. यह नया संगठन वर्त्तमान राजनीतिक पार्टियों से बिलकुल ही अलग हो सकता है. मेरी विश्वस्त जानकारी के अनुसार ‘ नया भारत ‘ या अन्य किसी मिलते-जुलते नाम से नई व लीक से हटकर एक पार्टी आ रही है जिसके बहुत सारे मुख्य उदेश्यों में से निम्न दो उद्देश्य व्यापारियों के हितो के अनुकूल है जो कि भारत की राजनीतिक इतिहास में पहली बार उठाये जायेंगे –
- भारत को आयकर व टीडीएस से मुक्ति
- भारत को कम से कम 80% तक जीएसटी से मुक्ति