जीएसटी समस्या का तत्काल, पक्का व स्थाई ईलाज संभव है – नया भारत
जीएसटी समस्या का तत्काल, पक्का व स्थाई ईलाज संभव है – नया भारत
जीएसटी से पूरा देश में हाहाकार मचा हुआ है. नोट बंदी व जीएसटी से पूरी अर्थ व्यवस्था चरमरा गयी है. सोशल मीडिया सहित देश का पूरा मीडिया में भी जीएसटी का विषय पक्ष और विपक्ष में छाया हुआ है. सोशल मीडिया में विशेष तोर पर फेस बुक पर ” Naya Bharat – नया भारत” नामक ग्रुप तो अतिसक्रिय है, जिस पर रोज ही अनेक बार जीएसटी पर कुछ न कुछ प्रकाशित होता रहता है. इस ग्रुप ने लगभग 40 दिन में 37,000 की सदस्य संख्या हो चुकी है.
इस ग्रुप के एडमिन स्वयं भी बहुत अच्छे लेखक, टैक्स क़ानून विज्ञ व शोधकर्ता कर्ता है. इस ग्रुप ” Naya Bharat – नया भारत” के एडमिन कैलाश चंद्रा का दावा है कि 80% व्यापारियों को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है. मेने कैलाश चंद्रा का इंटरव्यू लेकर जानना चाहा कि आखिरकार जीएसटी समस्या का अब इलाज क्या है ? उनसे बातचीत में जीएसटी समस्या के जो उन्होंने ईलाज बताये है, उनको यही नीचे सुच्चिबद्ध किया जा रहा है –
तत्काल लेकिन अस्थाई समाधान (अर्थ जगत को तत्काल राहत देने के लिए)
- > जब तक जीएसटी सॉफ्टवेयर शत-प्रतिशत सही ठंग से काम नहीं करने लग जाए, सारी व्यवस्थाये स्थानीय स्तर पर समान्तर रूप से ऑफलाइन भी चालू की / रखी जाए.
- > जब तक जीएसटी सॉफ्टवेयर शत-प्रतिशत सही ठंग से काम नहीं करने लग जाए, ऑफलाइन रिटर्न्स में न्यूनतम त्रेमासिक आकडे ले लिए जाए और सारा ध्यान टैक्स जमा होने पर केन्द्रित किया जाए.
- > जब तक समान्तर ऑफलाइन व्यवस्थाये शुरू नहीं हो जाती, 31 मार्च तक सभी तरह की (टैक्स चोरी के मामलों को छोड़कर) लेट फी व पेनेल्टियो को स्थगित / माफ़ कर दिया जाए.
- > सॉफ्टवेयर के कारण यदि लेट फी व पेनल्टी की जबरिया वसूली करनी पड़ जाती है तो सरकार अग्रिम घोषणा कर दे कि ऐसी पेनल्टी का रिफंड / समायोजन दिया जाएगा.
- > अर्थहीन आर.सी.एम. के प्रावधान को तत्काल प्रभाव से स्थाई रूप से समाप्त किया जाए.
- > सभी रिटर्न्स को मासिक के स्थान पर त्रेमासिक किया जाए.
- > टैक्स रेट के मामले में शंका / विवाद को दूर करने के लिए एक या अधिक उच्च स्तरीय अधिकारी / कमिटी या सब- कमिटी की स्थाई नियुक्ति की जाए जो ऑनलाइन आवेदन पर रेट पर फेसला करे जो सभी पर बाध्य माना जाए. साथ ही ऐसे फेसले नामांकित वस्तु नाम व रेट, स्पष्टत: रेट लिस्ट की अनुसूची में भी डाल दिया जाए.
- > सभी बेंको द्वारा बिना किसी सीमा (लिमिट) के कर (टैक्स) रोकड़ी स्वीकार किया जाना चाहिए.
- > वे-बिल वाले प्रावधानों को 31 मार्च तक या स्थाई रूप से स्थगित कर दिया जाए.
- > एचएसएन कोड (HSN Code) वाले प्रावधानों को 31 मार्च तक या स्थाई रूप से स्थगित कर दिया जाए.
- > शीघ्र रिफंड देने के लिए उचित, व्यवहारिक, विश्वास करने लायक व्यवस्था की घोषणा की जानी चाहिए.
- > जीएसटी के सम्बन्ध में न्यायालयों द्वारा दिए जाने वाले फेसलो पर इज्जत के साथ अमल किया जाना चाहिए और किसी विशिष्ट स्थिति में जनता के सामने अपनी मजबूरी को जाहिर करना चाहिए.
स्थाई समाधान अर्थ-व्यवस्था व रोजगार विकास के लिए
- > टैक्स रेट लिस्ट पर गहराई से पुन: चिंतन कर समुचित व व्यवहारिक बदलाव किये जाए तथा स्वदेशी / स्थानीय नामो को भी लिस्ट में शामिल किये जाए.
- > उत्पादन में काम आने वाले प्लांट व मशीनरी को छोड़कर, शेष सभी कैपिटल गुड्स व रेवेन्यु खर्चो पर इनपुट क्रेडिट नहीं दिया जाना चाहिए.
- > वर्तमान लास्ट पॉइंट टैक्स की जगह फर्स्ट पॉइंट टैक्स नीति पर MRP / खुदरा मूल्यों पर टैक्स लगाना चाहिए और राज्य में अन्य राज्यों व विदेश से आयातक, राज्य से अन्य राज्यों व विदेश को निर्यातक व उत्पादकों (Manufacturers) को छोड़कर शेष सभी व्यापारियों को GST से ही मुक्त कर देना चाहिए.
इस लेख के माध्यम से मै सरकार से निवेदन करता हूँ कि ” Naya Bharat – नया भारत” के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर देश की अर्थ व्यवस्था को बचाने का प्रयास करे, जिससे देश को बहुत बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है.