देश का एक केबिनेट मंत्री कितना झूठ बोल सकता है – देश के नागरिको को क्या सिखा रहे है ?
देश का एक केबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) कितना झूठ (False) बोल सकता है – देश के नागरिको (Citizens Of India) को क्या सिखा रहे है ?
वेसे हिन्दुस्तान की राजनीति (Indian Politics) में झूठ या सच (Lie or Truth) सब चलता है लेकिन देश की मंत्री परिषद (Minister Cabinet) का कोई कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) खुल्लेआम झूठे बोले, क्या इसको भी उचित कहा जा सकता है. आजकल देश में सच्चाई को दबाने के लिए कुछ भी या झूठ बोलने का फैशन चल रहा है जिसे राजनीतिक चश्मे से उचित या अनुचित बताया जा रहा है.
पुरानी एक सत्य कहावत है – “यथा राजा तथा प्रजा”. जिस देश के कैबिनेट मिनिस्टर सरासर पब्लिक (Public) या मीडिया (Media) या संसद (Parliament) में झूठ बोले तो उस देश की प्रजा (Public of the Country) से सत्य की कल्पना करना उचित नहीं होगा. झूठ का ही दूसरा नाम बेईमानी (Dishonesty) कह सकते है. ऐसे में यदि कोई भी नागरिक झूठ बोले या बेईमानी करे तो वो क्या गलत करता है क्योकि “यथा राजा तथा प्रजा”. देश की सरकार के मंत्रियो के झूठ का स्तर नापने के लिए आज हम कुछ ताजा झूठो की चर्चा करेंगे –
गुजरात राज्य सभा चुनाव के सम्बन्ध में बोला गया झूठ : परसों यानिकी 8 अगस्त को पूरे देश ने गुजरात राज्य सभा चुनाव (Gujarat Rajya Sabha Election) के जुड़ा एक घटना क्रम टीवी न्यूज़ चेनल्स (TV News Channels) पर देखा गया. चुनाव आयोग (Election Commission) से मिलकर लोटने के बाद कई मंत्रियो से युक्त बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ( BJP Representation Team) के साथ एक कैबिनेट मंत्री ने प्रेस / मीडिया को खुल्ले आम बताया कि कांग्रेस की शिकायत (Complaint of Congress) का मामला लगभग सुबह 9 -10 बजे का था, तब कांग्रेस के एजेंट (Congress Agent) ने कोई शिकायत ही नहीं की लेकिन शाम को जब हार का अहसास होने लगा, तो शिकायत की, जो कि गलत व सारहीन है.
अब सारे तथ्य पूरे देश के सामने है जिसे चुनाव आयोग ने भी स्वीकार किया कि कांग्रेस की ओर से शिकायत सुबह ही कर दी गयी थी. एक प्रदेश के मुख्य मंत्री ( Chief Minister) ने अहमद पटेल की जीत (Victory Of Ahamad Patel) के बाद प्रेस / मीडिया को कहा कि सारा मामला पहले से ही फिक्स (Fix) था तथा सब कुछ एक षडयंत्र (Conspiracy) के तहत हुआ. मुख्य मंत्री का यह बयान भी साबित करता है कि केन्द्रीय मंत्री (Central Minister) ने झूठ बोला था.
कर्नाटक मंत्री के रिसोर्ट पर आयकर की रेड के सम्बन्ध में बोला गया झूठ : लगभग देश के सभी न्यूज़ चैनल्स पर देश के एक बड़े कैबिनेट मंत्री ने कर्नाटक मंत्री (Cabinet Minister Of Karnataka Government) के रिसोर्ट (Resort) पर आयकर की रेड (Income-tax Search) के सम्बन्ध में झूठी सफाई दी थी कि सी.आर.पी.एफ के जवान (CRPF Jawans) तो सिर्फ कर्नाटक के मंत्री (Karnataka Minister) को सर्च के काम को पूरा करने के लिए उसे घर पर ले जाने के लिए आये थे जबकि आयकर क़ानून में किसी भी करदाता को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का कोई अधिकार ही नहीं है. इस सम्बन्ध में आप हमारी पूरी रिपोर्ट यही क्लिक करके पढ़ सकते है.
कालेधन (Black Money) की DISCLOSURE स्कीम के सम्बन्ध में बोला गया झूठ : 2016 की इस स्कीम (Income Disclosure Scheme) में देश के बड़े कैबिनेट मंत्री ने पूरे देश को बड़े जोर-शोर से बताया था कि लगभग 65,000 करोड़ (Undisclosed Income) का DISCLOSURE हुआ था. देश के सामने यह आंकड़ा रखकर वाही-वाही लूटने की कोशिश की गयी थी. वह घोषणा, स्कीम संबंधी सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद की गयी थी. इस 65,000 करोड़ में गुजरात के एक शाह की लगभग 13,860 करोड़ की फर्जी घोषणा भी थी जबकि देश के सामने झूठ बोल कर बताया यह गया कि उस 65,000 करोड़ में ‘शाह’ (Shah) के ये फर्जी 13,860 करोड़ शामिल नहीं थे. ये दोनों घोषणाए एक दूसरे को झूठी घोषित कर रही है और शायद पूरा देश समझ भी रहा है लेकिन देश को इन बड़े नेताओं को देश जनता के भुलक्कड़ स्वभाव पर पूरा विश्वास है. इस सम्बन्ध में आप हमारी पुरानी पूरी रिपोर्ट यही क्लिक करके पढ़ सकते है.
नोटबंदी ( Demonetization) योजना में तो झूठ ही झूठ : किस-किस का नाम लिखू, देश में नोट बंदी चालू करने से लेकर नोटबंदी बंद करने तक देश के बड़े-बड़े नेताओं व अफसरों द्वारा अनगिनत लिखित व मोखिक झूठ बोले गए. लेकिन देश के एक बड़े मंत्री घोषणा करते है कि पुराने बंद नोट कितने जमा हुए, उसकी अभी गिनती चल रही है. गिनती कहा चल रही है और कितने वर्ष तक चलेगी, किसी को पता नहीं लेकिन तय है यह गिनती अगले लोक सभा चुनाव (Next Lok Sabha Election) तक तो चलेगी ही.
हकीकत तो यह है कि 30 दिसम्बर तक का आंकड़ा 1 जनवरी, 2017 तक भारत सरकार के पास आ चुका था तथा 31 मार्च तक का फाइनल आंकड़ा भी अप्रैल प्रथम सप्ताह सरकार के पास था. फिर भी अभी तक आज भी काउंटिंग चल रही है और सरकार के पास सही आंकड़े नहीं है तो यह तो खुल्लम-खुल्ला असक्षमता व अयोग्यता का मामला है. ऐसे असक्षम व अयोग्य या झूठे मंत्री देश का क्या भला करेंगे, यह एक सोचनीय विषय है.
एडवांस इनकम-टैक्स की पहली किश्त के सम्बन्ध में बोला गया ताजा अर्द्ध-सत्य : जून, 2017 (June, 2017) के बाद से 3-4 बार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (Print and Electronic Media) में यह प्रचारित करवाया गया तथा करवाया जा रहा है कि आयकर एडवांस-टैक्स (Advance Income-tax) की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून 2017) First Quarter (April-June 2017) में 41% बढ़ोतरी (41% Growth) हुई है.
मजे की बात यह भी है कि सरकार द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि इस बढ़ोतरी का कारण नोटबंदी ( Demonetization ) व कालेधन (Black Money) के विरूद्ध सरकारी योजनाओं का परिणाम है. जब सरकार दावा करती हो तथा देश का जिम्मेदार मीडिया इस बात को न्यूज़ के रूप में बार-बार दोहराता हो तो अविश्वास का कोई कारण नहीं रह जाता लेकिन आयकर एडवांस-टैक्स की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून 2017) में 41% बढ़ोतरी की बात सत्य होते हुए भी भ्रामक व अर्द्धसत्य मात्र है क्योकि एडवांस-टैक्स की जून महीने की पहली किश्त 2017 में चालू ही पहली बार हुई है. इस सम्बन्ध में आप हमारी पुरानी लेकिन पूरी रिपोर्ट यही क्लिक करके पढ़ सकते है.
भारत में झूठ बोलना गुनाह नहीं : चूकि भारत में झूठ बोलना गुनाह नहीं माना गया है, अत: देश के मिनिस्टर और सरकारे तक शान से झूठ बोल लेती है. कुछ नेता तो ‘ असत्यमेव जयते ‘ के नए सिद्धांत को अंगी कार कर चुके.
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