Saturday, November 23, 2019

बोलो या नहीं बोलो, काम और परिणाम दिखना चाहिए.  

कल की केरल में भाजपा की बड़ी रेली में प्रधान मंत्री जी कोई ज्यादा नहीं  गरजे और बोले जिसके लिए विपक्षी पार्टिया अलग-अलग तरह की टिप्पणिया कर रही है लेकिन सत्य तो यह है कि आप बोलो या नहीं बोलो, काम और परिणाम दिखना चाहिए.

ताजा उबलता हुआ मामला चुकि पाकिस्तान का है, देश का प्रत्येक नागरिक एक्शन व परिणाम देखना चाहता है. हकीकत तो यह है कि देश की जनता को मोदी जी से बहुत ज्यादा अपेक्षा है तथा इन्ही अपेक्षाओ के कारण ही उन्हें पूर्ण बहुमत नवाजा गया. भारत में तो सफल नेता वही  होता है जो अपनी झूठी या सच्ची बातों व वादों को जनता के गले में उतार दे और वोट लेने में कामयाब हो जाए. वाक् पटुता में मोदीजी का कोई मुकाबला ही नहीं और अभी तक तो भारत की जनता मोदीजी से परिणाम का सब्र से इन्तजार कर रही लेकिन हमेशा नहीं करेगी.

पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात छोड़कर यदि बाते करे तो मोदीजी व भाजपा नेताओ की बातो व वादों के अनुरूप आम जनता को परिवर्तन का कोई अहसास नहीं हो रहा है. प्रत्येक सरकारी कामकाज का तोर-तरीका में सरलता का कोई अहसास कही भी नहीं हो रहा है. घोषणा करना और वाही-वाही  लेना अलग बात है और कर के दिखाना अलग बात है. वर्तमान सरकार सरलीकरण पर बहुत बोलती है लेकिन सरलीकरण कही भी नजर ही नहीं आता.

उदाहारह के तोरपर ‘आधार कार्ड‘ को ही ले लीजिये जिसको सरकार अनिवार्य करने के लिए हाथ धोकर पीछे पडी है लेकिन  निम्न प्रश्नों का उत्तर खोजिये, आपको ज्ञात होगा कि  कांग्रेस राज  के मुकाबले,  मोदी सरकार ने  जनता के लिए कितनी  सरलता, सुखमय व्यवस्था  व सुगमता  पैदा की है :-

  1. क्या किसी भी निजी अधिकृत आधार सेंटर ( कैंप या सामूहिक अभियान को छोड़कर) पर बिना सेवा शुल्क दिए आधार कार्ड बन रहा है ?
  2. क्या किसी भी निजी अधिकृत आधार सेंटर पर नए आधार को छोड़कर कोई भी आधार सुविधा सरकारी तय दर जनता को उपलब्ध है ?
  3. राजस्थान सहित कई राज्यों में जानबूझकर आधार कार्ड पर पूर्ण जन्म तारीख प्रिंट नहीं की गयी जबकि पूर्ण जन्म तारीख आधार अथॉरिटी के रिकॉर्ड पर उपलब्ध थी व है . क्या मोदी सरकार ने  सरकारी गलती को सुधारने के लिए अपने स्तर पर जन्म-तारीख युक्त आधार कार्ड जनता को मुफ्त में उपलब्ध करवाने का प्रयास किया ?
  4. भारत के अधिकाँश गाव व गरीब लोगो के पास मोबाइल  नंबर नहीं होने अथवा जानकारी के अभाव में , अधिकाँश लोगो के आधार कार्ड के रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर दर्ज ही नहीं है जबकि लगभग सभी ऑनलाइन आधार सुविधा के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है. जिनके पास अब मोबाइल नंबर आ गए है या जिनका नंबर बदल गया है, क्या मोदी सरकार ने अपने स्तर पर मुफ्त में मोबाइल नंबर पंजीकृत करने की सुविधा उपलब्ध करवाई है ?
  5. जनवरी,2016 से पहले, ऑफलाइन आवेदन करके कोई भी अपना मोबइल नंबर जुड़वा सकता था या बदल सकता था लेकिन मोदी सरकार ने यह सुविधा बंद कर दी जिससे यह सुविधा न तो  ऑफलाइन उम्पब्ध है और न ही ऑनलाइन. जनता की इस  तकलीफ को समाप्त करने के लिए, क्या मोदी सरकार ने कोई भी एक भी कदम उठाया है ?

 

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