भारतीय राजनीतिक नेताओं के सारे पाप धोने वाला / शुद्धिकरण करने वाला तीर्थ कौन सा है ?
भारतीय राजनीतिक नेताओं के सारे पाप धोने वाला / शुद्धिकरण करने वाला तीर्थ कौन सा है ?
हर जाति व धर्म के अनुसार भारत में कई पवित्र तीर्थ स्थल है. इन सभी तीर्थ स्थलों में एक बहुत बड़ी खूबी व समानता होती है कि सभी तीर्थो पर एक तरह का समाजवाद होता है. इन तीर्थो के दर्शन या इन तीर्थो में डूबकी लगाने पर कोई भी किसी का चरित्र, व्यक्तित्व, अच्छे बुरे कर्मो के लिए कोई नहीं पूछेगा बल्कि जेसी की हिन्दुस्तान की हर जाति-धर्म में मान्यता है, उस तीर्थ यात्री / दर्शनार्थी के दर्शन / पूजा या डूबकी मात्र से उसके सारे पाप स्वत: धुल जाते है, उसका भूतकाल व भविष्यकाल सुधर जाता है, आदि आदि. इन स्थलों पर अच्छे-बुरे सभी तरह के लोग आते है और अपने आप को धन्य व धर्मी मान लेते है.
भारतीय समाज में एक और विशेषता है कि प्रत्येक भारतीय की मान्यता सभी धार्मिक स्थलों के लिए एक समान नहीं होती है बल्कि हर भारतीय / भारतीय परिवार की अपनी स्वयं की अलग-अलग मान्यताए होती है जो समय, काल, अनुभव व परिस्थितियों अनुसार बदलती रहती है. उदाहरण के लिए, हिदुओ में कई लोगो / समाजो के लिए हरिद्वार स्थित गंगा सर्वोपरी है, तो किसी के लिए पुष्कर, तो किसी के लिए तिरुपती बालाजी. ठीक इसी तरह से मुसलमानों में किसी के लिए अजमेर की दरगाह, तो किसी के लिए जामा मस्जिद, तो किसी के लिए हज स्थल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. ऐसी ही स्थिति कमोबेस हर व्यक्ति, धर्म व जाति में देखी जा सकती है.
जिसको जहा ज्यादा पापो का शुद्धिकरण या फ़ायदा या शान्ति या उज्जवल भविष्य नजर आता है, वही स्थल / पूजा स्थल उस व्यक्ति / समाज के लिए सबसे ज्यादा स्वीकार्य तीर्थ-स्थल होता है या बन जाता है. उसी हिसाब से व्यक्ति / समाज अपने धार्मिक स्थल, पूजा स्थल , गुरू आदि को बदलता रहता है या उनकी प्राथमिकता (Priority) बदलता रहता है. मेने मेरे पिताजी के जीवन काल में कभी भी अपनी कुलदेवी के बारे में नहीं सूना, फिर अचानक चर्चा में आया कि मूंदड़ा गोत्र के लोगो की कुलदेवी, मुन्दयाल माताजी है जो राजस्थान के नागौर जिले के मुन्दयाल गाँव में विराजित है. अचानक सभी मूंदड़ा गोत्र के लोगो की प्राथमिकता (Priority) बदल गयी और मोखिक प्रचार-प्रसार से मूंदड़ा गोत्र के लोगो की कुलदेवी ‘मुन्दयाल माताजी का मंदिर’ नया-प्रमुख तीरथ बन गया.
मेरा उद्देश्य मात्र यह बताना है कि हम हमारी निष्ठाए व विश्वास समय, काल व परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहते है. इसी भारतीय समाज से पैदा हुए राजनीतिक नेताओं की भी वही स्थिति है जो पूरे समाज की है. हमारे नेता लोग भी अपनी निष्ठाए व विश्वास आदि स्वयं के शुद्धिकरण या फ़ायदा या शान्ति या उज्जवल भविष्य के अनुसार बदलते रहते है. जेसी कि करोड़ो हिन्दुओ की मान्यता है, गंगा में डूबकी लगाते ही सारे पाप धुल जाते है. ठीक ऐसी ही हालात देश के राजनीतिक नेताओं की है लेकिन उनका शुद्धिकरण गंगा में डूबकी या हज की यात्रा करने से नहीं होगा बल्कि वर्तमान में यदि “ भाजपा रूपी गंगा “ में डूबकी लगाले तो उसके न केवल सारे गुनाह माफ़ हो जायेंगे, पाप धुल जायेंगे बल्कि भाजपा में एक डूबकी मात्र से वो नेता अन्य भाजपाई नेताओं की तरह, 24 केरेट का प्योर राष्ट्रवादी, ईमानदार व विकास के पुरोधा नेता बन जायेंगे.
अत: जिन भी नेताओं को 24 केरेट का प्योर राष्ट्रवादी, ईमानदार व विकास के पुरोधा नेता बनना है तो ‘भगवान राम’ का नाम लेकर एक डूबकी ‘भाजपाई महासागर’ में लगाले, जिससे पूरा देश भ्रष्टाचार से मुक्त होकर दुनिया के सबसे विकसित देशो को बहुत पीछे छोड़ा देगा. वेसे भी भाजपा का विश्वास है कि कमल तो कीचड में ही खिलता है और कमल उनके पास है, अत: ” बीजेपी रूपी दल-दल / कीचड में आइये और लक्ष्मी जी के प्रिय फूल ‘कमल’ तरह खिलता पाइए “.
एक जमाने का प्रसिद्द गाना (सासू तीरथ, सुसरा तीर्थ, तीरथ साला साली है, दुनिया के सब तीरथ झूठे, चारो धाम घर वाली है) को आज के राजनीतिक माहोल में ऐसे भी गाया जा सकता है –
” मोदी तीरथ, शाह तीरथ, तीरथ सताधारी पार्टी है, भारत के बाकी सब तीरथ झूठे, चारो धाम सिर्फ कमल वाली भारतीय जनता पार्टी है ” .
“राम तेरी गंगा मेली हो गयी” एक फिल्म है और “राम तेरी गंगा मेली हो गयी, पापियों के पाप धोते-धोते” गाना उस फिल्म का है. मोदी सरकार ने गंगा सफाई के लिए एक अलग मंत्री व मंत्रालय तक बना डाला. अब इस गाने को आज के राजनीतिक माहोल में ऐसे भी गाया जा सकता है –
” राम तेरी गंगा अपने आप साफ़ हो जायेगी, जब भारत के सभी तरह के नेता व पार्टिया बीजेपी मय हो जायेगी “.
सीए. के.सी. मूंदड़ा / Kailash Chandra
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