राजस्थान में तीनो सीट पर बीजेपी की उपचुनाव में बुरी हार
राजस्थान में तीनो सीट पर बीजेपी की उपचुनाव में बुरी हार
‘पधारो म्हारे देस’ के अन्दाज़ में राजस्थान की जनता ने मरती हुई कांग्रेस को जीवनदान देने की शुरुआत कर दी है । सत्ता के नशे में मदमस्त महारानी, उसके मंत्रीगण एवम् दरबारी विदूषकगण को करारा तमाचा मारा है, जनता जनार्दन ने
✅ *मन्दिरों को अपने दम्भ से तोड़ती सरकार*
✅ *भ्रष्टाचारों पर मुँह सिले बैठी सरकार,*
✅ *क़ानून को अपनी ठोकर में रखती सरकार,*
✅ *भ्रष्ट अफ़सरों – बाबुओं के हाथों की कठपुतली सरकार,*
✅ *जनता और कार्यकर्ताओं का ख़ून चूसती सरकार -*
पहले भी कई बार चेतावनियाँ दीं, पर राजसत्ता के नगाड़ों की गूँज कार्यकर्ताओं की खड़ताल को कहाँ सुनती है ? निजी बातचीत में अफ़सरों के आगे “ नहीं चलने “ की बात कहने वाले सत्ता पर जोंक की तरह चिपके रीढ़विहीन मन्त्री भी कम दोषी नहीं हैं, *भ्रष्ट तन्त्र* के आगे नतमस्तक- ऐसे बड़बोले मंत्री दरबार में खींसें निपोरने के अतिरिक्त कर भी क्या सकते हैं ?
*इन सबसे बढ़कर दोषी हैं वो लोग जो साधना के मार्ग में आए साधनों को साध्य समझ – अहंकार के सातवें आसमान पर विराजमान हैं। कार्यकर्ता को – जनता को, अपने पैरों की जूती समझने वाले ऐसे स्वयंभू संगठनकर्ता राष्ट्रवाद के रथ का पंचर करने में जुटे हैं*. सत्ता संस्थानों से लेकर संगठन तन्त्र तक अपने चमचों – जातिवादियों और मैनेजमेण्ट में कुशल लोग *भाईसाहबों* के चक्कर काट रहे हैं, और ऐसे सत्ता संचालक उन्हें अभयदान देकर रेवड़ियाँ खाने और बाँटने में संलग्न हैं , *कार्यकर्ता जाए भाड़ में ….*
*तो मोदी जी,अमित शाह जी, सुन लीजिए….*
*कान खोल कर सुन लीजिए*
यह उपचुनावों की हार अलार्म है…*
*सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री, मंत्री एवम् सरकार , उनके चमचे, संगठन के पदों पर चिपके बैठे विदूषक ख़ुद को धरातल पर लाइए,*
व्हात्सप्प के सोजन्य से