सरासर झूठ बोलने के लिए 15 अगस्त और लाल किले को भी क्यों नहीं बख्सा जाता ?
सरासर झूठ बोलने के लिए 15 अगस्त और लाल किले को भी क्यों नहीं बख्सा जाता ?
आजकल एक विडियो वायरल हो रखा है जिसमे माननीय प्रधान मंत्री (Prime Minister Of India) के लाल किले (Red Fort) से बोले गए झूठो को सबूत के साथ बताया गया (जिसे इस रिपोर्ट के नीचे आंशिक रूप से अटेच किया जा रहा है). ठीक इसी तरह से कुछ दिन पहले न्यूज़ क्लब पर भी एक लेख “देश का एक केबिनेट मंत्री कितना झूठ बोल सकता है – देश के नागरिको को क्या सिखा रहे है ?” प्रकाशित किया गया था (जिसे यहाँ क्लिक कर के आप पढ़ सकते है). जिसमे भी बताया गया था कि आखिर मोदी सरकार के बड़े-बड़े मंत्री केसे-केसे झूठ बोलते है. लेकिन जब झूठ बोलने के लिए मोदी साहब द्वारा स्वतन्त्रता दिवस (Independence Day) को भी नहीं छोडा जा रहा है, तो बेचारे मंत्री क्यों पीछे रहेंगे.
जिस वायरल विडियो की हम बात कर रहे है, उसमे कुछ विरोधाभासी तथ्यों का उल्लेख किया गया है. हम उन सभी तथ्यों को यहाँ लिख कर सबके सामने झूठ को रखना चाह रहे है –
वित्त मंत्री अरुण जेटली का 16.05. 2017 का बयान : विडियो में गूगल सर्च के आधार पर पर एक बयान ‘HUFF POST’ पर पब्लिश हुआ जिसका शीर्षक था – “ India has added 91 Lakh Tax Payers since Demonitization – Arun Jaitely ”. यदि इस बयान को सही माना जाए तो इस बयान के अनुसार समयावधि 09.11.2016 से 15.05.2017 की है.
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में सरकार के हवाले से पार्लियामेंट में 01.08. 2017 को दिया गया बयान : Financial Express में छपी खबर के अनुसार भारत सरकार की और से 01.08.2017 को भारत की संसद में बताया कि नोट बंदी के बाद कुल 33 लाख नए करदाता जुड़े.
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में अरविन्द सुब्रमण्यम का 11.08. 2017 का बयान : Financial Express में छपी खबर के अनुसार भारत सरकार के चीफ इकनोमिक एडवाइजर ने 2016–17 इकनोमिक सर्वे प्रस्तुत करते हुए बयान दिया था कि नोट बंदी के बाद कुल 5.4 लाख नए करदाता जुड़े. यानिकी 09.11.2016 से लेकर 10.08.2017 तक कुल 5.4 लाख नए करदाता ही जुड़े.
देश के प्रधान मंत्री मोदी जी ने 15 अगस्त को क्या कहा : 1 अप्रैल (2017) से 5 अगस्त (2017) तक नए व्यक्तिगत आयकर रिटर्न (New Income-tax Return) दाखिल करने वाले करदाता 56 लाख और पिछले वर्ष इसी अवधि 1 अप्रैल (2016) से 5 अगस्त (2016) में नए व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाता सिर्फ 22 लाख थे.
जबकि विडियो बनाने वाले ने बोला कि मोदी जी ने कहा कि नोट बंदी के बाद कुल 56 लाख नए करदाता जुड़ चुके है जबकि मोदी जी ने ऐसा नहीं बोला था. विडियो बनाने वाले ने ये शब्द स्वयं ने ही जोड़ लिए है.
लेकिन विडियो में विचार रखने वाले युवा लडके की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी. हालाकि विडियो में एक जगह वह तारीख बोलने में चुका है तथा दूसरी जगह तुलनात्मक अवधि बताने में. लेकिन तथ्यात्मक विश्लेषण से यह साबित होता है कि सरकार या उसके कप्तान प्रधान मंत्री या वित्-मंत्री, अधिकाँश लोग झूठ बोल रहे है. वेसे झूठ बोलने में इस सरकार से वेसे भी कोई नहीं जीत सकता. इस लेख व विडियो में वायरल झूठ को आसानी समझाने के लिए इन तथ्यों को यही नीचे चार्ट रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है –
नोटबंदी के बाद कुल कितने नए आय करदाता जुड़े – झूठ साबित करते आंकड़े
तारीख | बयान देने वाला | बयान में इश्तेमाल समायावधि | नए जुड़े करदाताओ की संख्या |
16.05. 2017 | वित्त मंत्री अरुण जेटली | 09.11.2016 से 15.05.2017 | 91 लाख |
01.08. 2017 | वित्त मंत्री अरुण जेटली | 09.11.2016 से 31.07.2017 | 33 लाख |
11.08. 2017 | भारत सरकार के चीफ इकनोमिक एडवाइजर अरविन्द सुब्रमण्यम | 09.11.2016 से 10.08.2017 | 5.4 लाख |
15.082017 | प्रधान मंत्री मोदी जी | 01.04.2017 से 05.08.2017 | 56 लाख |
जिस देश की सरकार और उसके मुखिया आज दिन तक नोट बंदी में कितनी करेंसी जमा हुई, उसकी संख्या छिपाते रहे है तथा उसके लिए अनगिनत झूठ बोले गए है, वो सरकार यदि कुछ भी झूठ बोले तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. कोई माने या नहीं माने, आज देश के सामने उसकी राष्ट्रीय सरकार की कोई विश्वसनीयता खतरे में है.