Wednesday, November 20, 2019

आयकर निरीक्षक व अनधिकृत / असशक्त अधिकारियों द्वारा किया गया आयकर सर्वे गेर-कानूनी / शून्य होता है.  

आयकर निरीक्षक व अनधिकृत / असशक्त अधिकारियों द्वारा किया गया आयकर सर्वे गेर-कानूनी / शून्य होता है.

 

हाल ही में आयकर ट्रिब्यूनल, जोधपुर (Income Appellate Tax Tribunal) द्वारा दिए गए फेसले के अनुसार आयकर निरीक्षक (Income-tax Inspector) व अनधिकृत (Unauthorised Officer) / असशक्त आयकर अधिकारियों (Un-empowered Officers) द्वारा किया गया आयकर सर्वे (Income-tax Survey) गेर-कानूनी / शून्य होता है. इस केस में, ट्रिब्यूनल ने पाया था कि सर्वे के दोरान तेयार की गयी स्टॉक लिस्ट (Stock List) व रोकड़ी लिस्ट (Cash List) या तो आयकर निरीक्षक द्वारा बनायी गयी थी या अनधिकृत / असशक्त आयकर अधिकारियों / व्यक्तियों द्वारा बनाई गयी थी. अत: आयकर ट्रिब्यूनल (ITAT) ने ऐसी स्टॉक लिस्ट (Stock List) व रोकड़ी लिस्ट (Cash List) को अविधिक मानते हुए पार्टी द्वारा सरेंडर की गयी व आयकर अधिकारियो द्वारा निर्धारित की गयी पूरी आय को खारिज कर दिया.

आयकर ट्रिब्यूनल, जोधपुर ने इससे पूर्व भी सुमेरपुर (राजस्थान) के बस्तीमल बाफना (Vastimal Vs. ITO (2001) 26 TW 106 ) के मामले में भी आयकर निरीक्षक (Income-tax Inspector) द्वारा किये गए सर्वे को गेर-कानूनी घोषित किया था जो कि राजस्थान का और शायद भारत का पहला ऐसा मामला था. लेकिन ताज्जुब होता है कि इतने साल बाद भी आयकर विभाग में ऐसी ज्यादातिया जारी है.

यह मामला शिवगंज (Sheoganj) निवासी महेंद्र रावल (Mahendra Rawal) का है जिनकी फैक्ट्री व उनके एक पारिवारिक संबंधी की फैक्ट्री में दिनांक 05.02.2009 को आयकर सर्वे किया गया गया था. उस सर्वे के दोरान गलत, मनचाहे व अविधिक रूप से स्टॉक लिस्ट (स्टॉक लिस्ट) व रोकड़ी लिस्ट बनाकर दोनों सर्वे में कुल एक करोड़ का सरेंडर करवाया गया था लेकिन वे सभी स्टॉक लिस्ट (स्टॉक लिस्ट) व रोकड़ी लिस्ट आयकर निरीक्षक या अनधिकृत / असशक्त आयकर अधिकारियों / व्यक्तियों द्वारा बनाई पायी गयी.

आयकर दाता महेंद्र रावल को आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सफलता यो ही नहीं मिली, बल्कि उसे बहुत लम्बी लड़ाई लड़नी पडी. दिनांक 05.02.2009  को हुए आयकर सर्वे के बाद दो बार कर-निर्धारण हुआ, दो बार प्रथम अपील हुई और दो बार ट्रिब्यूनल में अपील हुई और अंतत: 9 साल बाद, महेंद्र रावल को सफलता मिली. इतना धेर्य व सरकारी अधिकारियों के विरूद्ध लड़ने की इतनी क्षमता बहुत ही कम कर-दाताओं को  देखने को मिलती है.

आयकर निरीक्षक (Income-tax Inspector) के क्या अधिकार होते है :  आयकर अधिकारी हो या आयकर निरीक्षक, दोनों ही संयुक्त आयकर आयुक्त की इजाजत (Authorisation) के बिना किसी के भी यहाँ सर्वे नहीं कर सकते लेकिन अधिकृत आयकर निरीक्षक भी न तो स्टॉक लिस्ट व रोकड़ लिस्ट तेयार कर सकता है और न ही करदाता के बयान ले सकता है. अत: यदि आयकर निरीक्षक ने स्टॉक लिस्ट व रोकड़ लिस्ट तेयार की है या बयान लिए है तो ऐसी सारी कार्यवाही अविधिक मानी जायेगी.

रिपोर्ट : सीए. मुकुल मूंदड़ा (CA. Mukul Moondra)

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