Thursday, August 30, 2018

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं याँ विनाश। भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-55)-  

ज विज्ञान की ही देन हैं, कि हम प्रकृति से दूर हो गए हैं। विज्ञान ने हमें कृत्रिम सुविधाएँ उपलब्ध करा दी। इससे प्रकृति व पर्यावरण पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ रहा हैं। शुद्ध हवा व पानी भी उपलब्ध नहीं रहा। जलवायु खराब हो गया। यह नुकसान केवल मानव जाति को ही नहीं, बल्कि पुरे चराचर जगत को हो रहा हैं। विज्ञान के विकास के साथ-साथ ही मानव विनाश की कहानी हर क्षेत्र में जुड़ती गई।

हले शिक्षा में संस्कार, संस्कृति, कर्तव्य व चरित्र निर्माण की बातें सिखाई जाती थी, वहीं अब स्वार्थ, प्रतिस्पर्द्धा, बनावटीपन, चापलूसी, अनीति से धनोपार्जन, शोषण, कर्तव्यहीनता व चरित्रहीनता की बातें सिखाई जाती हैं। विज्ञान ने इस जगत में जो भी खोजें की हैं, उन खोजों की सुख सुविधा प्राप्त करने हेतु ही इस शिक्षा पद्धति में यह बदलाव आया हैं। पुराने समय में, राजा हो या रंक, सभी को विद्या अर्जन हेतु आश्रम याँ गुरुकुल में रहना पड़ता था। कोई भेदभाव नहीं था। भगवान राम ने आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण की थी। कृष्ण और सुदामा सहपाठी थे। सभी को कठोर परिश्रम करना पड़ता था। सभी अपना अपना कार्य पूर्ण जिम्मेदारी से करते थे। गुरु शिष्य का रिश्ता सबसे बड़ा व प्रभावी माना जाता था। आज हम कहाँ पहुँच गए? शिक्षा वर्तमान में एक व्यापर बन गया। गुरु की जगह शिक्षक ने व शिष्य की जगह छात्र ने ले ली। गुरु शिष्य का पाक रिश्ता आज बदनाम होकर तार तार हो रहा हैं, जिन्हें समाचारों में रोज सुना जाता हैं। सब कुछ जग जाहिर हैं। मानवता के विनाश की यह राह भी हमें विकास की नजर आ रही हैं, तो भला इस अंधकार को रौशनी की जरूरत ही कहाँ रह गयी?

ज्ञान ने परिवहन व यातायात के साधनों की खोज कर हमें क्या फायदा पहुँचाया हैं? संयुक्त परिवार खत्म हो रहे है। सभी के पास समयाभाव हैं। हर व्यक्ति दौड़ता नजर आ रहा है। माँ बाप, वृद्ध, विकलांग, बीमार, यहां तक की खुद के बच्चे भी प्यार को तरसते नजर आते हैं। समय नहीं हैं। गति के बढ़ने से दुर्गति बढ़ गई। न समय बचा, न शांति मिली। इसके विपरीत आदमी अनावश्यक यात्रा करने लगा। ऐसे विकास में हमें क्या मिला? इस पर गहराई से चिंतन करें।

संचार क्रांति की बात करें, तो यह मानव जाति के लिए अभिशाप बनती जा रही हैं। हर व्यक्ति अपने में खोया नजर आ रहा हैं। कोई मोबाईल पर, कोई टी वी पर, कोई लेपटोप पर। रेडियो व टेप रिकार्ड का उपयोग सभी घर वाले साथ में कर लेते थे, पर यह सब चीजें व्यक्तिगत हो गई। गलियो व मैदानों, खेत व खलिहानों से बच्चे नदारद हो गए। नटखट बचपन गायब हो गया। स्वाभाविक विकास खत्म हो गया। कान में इयरफोन हैं। आसपास का भी कुछ सुनाई नहीं देता। देशी खेल खत्म हो गए। नए खेल- फेसबुक, व्हाट्सअप, ट्विटर, मोबाईल, कम्प्यूटर आदि आ गए। शारीरिक श्रम का लोप हो गया, फिर भी जवानी में घुटने दर्द कर रहे हैं। ताकत कम हो रही हैं, और गुस्सा बढ़ता जा रहा हैं। कमाई करना नहीं आता, पर खर्चे में सबसे आगे जा रहे हैं। आँखे इतनी कमजोर हो गई कि, इससे हो रहा विनाश भी दिखाई नहीं दे रहा हैं।

रित क्रांति का जहर हम आज तक खा रहे हैं, अब लोगो को सजग किया जा रहा हैं। पुनः प्राकृतिक खादों के उपयोग को बढ़ावा देने का पाठ सिखाया जा रहा हैं, परन्तु अब यूरिया खाद व जहरीली दवाइयों के छिड़काव को कोई बन्द नहीं करना चाहता। उनके उपयोग से फसल भरपूर होती हैं, और भारी मुनाफा होता हैं। अभी हरित क्रांति का दुःख भोग ही रहे हैं, कि विज्ञान ने श्वेत क्रांति को पैदा कर दिया। हरित क्रांति का जहर खा ही रहे हैं, अब श्वेत क्रांति का जहर और पीना पड़ रहा हैं। यूरिया जहर व केमिकल से नकली दूध तैयार कर इंसानो को पिलाया जा रहा है। जानवरों को इंजेक्शन लगाकर दूध निकाला जा रहा हैं। सब कुछ अप्राकृतिक।

चिकित्सा विज्ञान तो व्यापार जगत के प्रथम पायदान पर पहुँच चूका हैं। दुनियाँ की लगभग सारी आबादी दवाइयों पर जी रही हैं। ताकत, जवानी, हिम्मत, शौर्य, मेहनत सब गायब हैं। सन्तान उत्पत्ति की क्षमता भी कम होती जा रही हैं। व्यक्ति की लम्बाई घट रही हैं। कार्य क्षमता जबाब दे रही हैं। फिर भी हम अपने को स्वस्थ मान रहे हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की उपलब्धियों को खूब गिनाया जा रहा हैं, जबकि वास्तविकता यह हैं कि, विज्ञान ने हमें उपचार याँ स्वास्थ्य नही बल्कि रोग दिए हैं।

शेष अगली कड़ी में—-

                                                                                                     लेखक : शिव रतन मुंदड़ा

Related Post

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी द्वारा प्रकाशित ‘सदस्यों हेतु सूचना’ पर ‘नया भारत पार्टी’ ने उठाये प्रश्न ही प्रश्न.

आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी द्वारा प्रकाशित ‘सदस्यों हेतु सूचन�...

आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी द्वारा प्रकाशित ‘सदस्यों हेतु सूचना’ पर ‘नया भारत पार्टी’ ने उठाये प्रश्न ही प्रश्न.  आदर्श मोदी ग्रुप (Adarsh Modi Group) ...

SiteLock