उत्पीड़न के आरोपी अजमेर के आयकर अधिकारी सुकुमार जैन ने किया उदयपुर में फर्जीवाड़ा (आयकर सर्च भाग – 10)
उत्पीड़न के आरोपी अजमेर के आयकर अधिकारी सुकुमार जैन ने किया उदयपुर में फर्जीवाड़ा (आयकर सर्च भाग – 10)
पिछले कुछ दिनों से मै लगातार उदयपुर, जयपुर , राजसमन्द व सिरोही में 21 से 24 मार्च के बीच हुई आयकर सर्च की ज्यादतियों व गेर-कानूनी कृत्यों पर लिख रहा हूँ. अभी तक कुल 9 पोस्ट लिख चुका हूँ और आज यह 10 वी पोस्ट है. उदयपुर में आयकर सर्च के लिए अजमेर के एक आयकर अधिकारी सुकुमार जैन की भी तेनाती थी. इस तेनाती के दोरान दुस्साहसी व विभागीय उत्पीडन के आरोपी सुकुमार जैन ने उदयपुर में एक गंभीर फर्जीवाड़ा कर डाला.
मेरी तहकीकात में व मेरे पास उपलब्ध सबूतों के अनुसार पता चला कि 21 मार्च को आयकर अधिकारी सुकुमार जैन ने अपनी तेनाती एक साथ दो जगह ओमप्रकाश कुमावत (302-वर्धमान काम्प्लेक्स, भूपालपुरा, उदयपुर) के घर व जीतेन्द्र तिर्थानी (101-वर्धमान काम्प्लेक्स, भूपालपुरा, उदयपुर) के घर दिखाई. सुकुमार जैन की उपस्थिति को नीचे चार्ट से समझा जा सकता है –
दिनांक | जीतेन्द्र तिर्थानी का घर | ओमप्रकाश कुमावत का घर |
21.03.2017 | प्रात: 6 बजे से रात 12 बजे तक | प्रात: 6.05 बजे से रात 12 बजे तक |
22.03.2017 | प्रात: 0.00 बजे से प्रात: 08.50 बजे तक | प्रात: 0.00 बजे से सायं 06.50 बजे तक |
उपरोक्त चार्ट से यह स्पष्ट है कि सुकुमार जैन ने एक स्थान पर सर्च की कार्यवाही ठीक 6.00 बजे प्रारम्भ की जबकि दूसरे स्थान पर सर्च की कार्यवाही ठीक 6.05 बजे प्रारम्भ की . इस तरह से मात्र 5 मिनट के अंतराल पर 2 जगह पर सर्च की कार्यवाही प्रारम्भ करना ही असंभव बात है. अत: इस तरह से एक अधिकारी के द्वारा मात्र 5 मिनट के अंतराल में दो जगह की सर्च की शुरूआत दिखाकर दो पंचनामा तेयार करना, फर्जीवाड़े से ही संभव है. इस तरह का फर्जीवाड़ा बताता है की उदयपुर, जयपुर, राजसमन्द व सिरोही में 21 से 24 मार्च के बीच हुई आयकर सर्च की कार्यवाहियों में केसे-केसे फर्जीवाड़े किये गए होंगे.
आयकर विभाग में ऐसे फर्जीवाड़े पहले भी होते रहे है : इससे पहले ऐसा फर्जीवाड़ा पाली (राजस्थान) में भी हो चुका है. पाली के श्याम सोनी व ओमप्रकाश मंडोरा के मामलों में फर्जीवाड़ा करते हुए एक ही सर्च टीम ने एक ही समय (1 मिनट का भी अंतर नहीं) दो-दो सर्च एक्शन दिखा डाले थे. वो तो भला हो आयकर ट्रिब्यूनल के सदस्यों का जिन्होंने इस तथ्य को बिना हाईलाइट किये दोनों कर-निर्धारणों को मयाद बाहर घोषित कर कर-निर्धारण को खारिज कर दिया था. परिणाम स्वरुप करदाताओ ने भी चुप्पी साध ली थी तथा सर्च टीम के सदस्यों के खिलाफ कोई शिकायत या मुकदमा दर्ज नहीं करवाया.
आयकर अधिकारी सुकुमार जैन (ITO Sukumar Jain) पर पहले भी लग चुका है ज्यादती / उत्पीड़न का आरोप : वर्ष 2014–15 में सुकुमार जैन बत्तोर ITO, Ward 2(1) अजमेर में कार्यरत थे, उस वर्ष सुकुमार जैन ने लोकेश माथुर नामक करदाता के विरूद्ध कर-निर्धारण की कार्यवाही की थी. करदाता लोकेश माथुर ने ITO Sukumar Jain के विरूद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए 06.04.2015 को एक शिकायत केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को की थी तथा वह शिकायत करदाता की जानकारी के अनुसार आज भी आयकर विभाग में लंबित है.
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