Friday, November 16, 2018

टेलीफोन पर इनकम टैक्स ऑफिस में बुलावा क्यों ?  

30 सितम्बर, 2016 को आय घोषणा स्कीम, 2016 की समय अवधि समाप्त  हो रही है. अत: 45% आयकर देकर दो नंबर को एक नंबर करने वाली आय घोषणा स्कीम, 2016 के लिए अब  अंतिम कुछ दिन बचे है. लेकिन इन अंतिम दिनों में एक असाधारण अभियान के तहत व्यापारियों, आयकरदाताओ व इस योजना के संभावित घोषणाकर्ताओ के पास सीधे या उनके वकील के मार्फ़त फ़ोन आ रहे है तथा उन्हें आयकर कार्यालय बुलाया जा रहा है.

हकीकत में इस लोकप्रिय सरकार की  यह अलोकप्रिय व अव्यवहारिक योजना लगभग फ़ैल हो चुकी है लेकिन अंतिम क्षण तक वित्त मंत्रालय व केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी) इस योजना को सफल बनाने के लिए एडी से चोटी का जोर लगा रहे है. भारी भरकम डरावने विज्ञापनो  के बाद भी अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से अब अंतिम प्रयास के  तहत आयकर अधिकारी एक-एक करदाता को सीधा फ़ोन करके आयकर कार्यालय बुला रहे और उन्हें इस योजना के तहत घोषणा करने के लिए अपने-अपने तरीके से समझाइस कर रहे है.

उच्च स्तरीय आदेश से आयकर ऑफिस में बुलाने के लिए चल रहे इस अभियान से आयकर विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार का सरल रास्ता भी खुल गया क्योकि आधिकारिक तोर पर इस तरह से करदाताओ को आयकर कार्यालया में फ़ोन पर बुलाने की छूट इससे पूर्व कभी नहीं देखी गयी. इस कार्यवाही को व्यापार जगत में नकारात्मक रूप से लिया जा रहा है जिससे मोदी सरकार की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुचा है. लेकिन सभी ऐसे करदाताओ को चिंता नहीं करनी चाहिए और बिना किसी डर के निडरता से आयकर अधिकारी से मिलने चले जाए, आप के खिलाफ साधारणतया कोई गलत हरकत नहीं होगी.

करदाताओ को डराने व धमकाने के लिए सितम्बर, 2016 में भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा आयकर सर्च व सर्वे की कार्यवाहिया की गयी व सबसे ज्यादा विज्ञापन पर खर्चा किया गया  तो भी योजना को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई. हकीकत  में आयकर सर्वे की कार्यवाही में कालेधन की घोषणा करना इस योजना से ज्यादा सस्ता पड़  रहा है जिससे आयकर सर्च व सर्वे की कार्यवाहियो ने इस योजना का  भट्टा ही बिठा दिया . हो सकता है, इस योजना की  घोषणा के बाद सरकार को आयकर सर्च व सर्वे की कार्यवाहियो से शायद इस योजना से भी ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ होगा.

Income Tax Pressure

 

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