प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटियो द्वारा शेयर कैपिटल के नाम पर नया धोखा
प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटियो द्वारा शेयर कैपिटल के नाम पर नया धोखा
छोटे-छोटे निवेशको को प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटियो ठगने व लूटने के किस्से रोज सुनने को मिलटे रहते है. खासतोर पर राजस्थान में तो हर महीने एक-दो एक-दो प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटियो की दुकानदारी उठ जाती है. लेकिन कुछ बड़ी प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटिया अभी तक बाजार में जमी हुई है जो छोटे व गरीब निवेशको को नए-नए तरीको व फोर्मुलो से बहला फुसलाकर अपना उल्लू सीधा कर रही है.
आजकल इन छोटे व गरीब निवेशको को फांसने के लिए एक नया ताजा फोर्मुला / लोलिपॉप बांटा जा रहा है. यह फोर्मुला / लोलीपॉप है – शेयर कैपिटल में निवेश. सोसाइटी के सभी साधारण शेयर होल्डर्स को शेयर कैपिटल में निवेश में निवेश करने के लिए अपने एजेंटो के मार्फ़त 15% लाभांश (डिविडेंड) का प्रलोभन दिया जा रहा है.
राजस्थान की ही नहीं बड़ी भारत की एक सबसे बड़ी प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटी ने अपने एजेंटो को BT-ACCCSLT (भेजने वाला) के नाम से 05.05.2017 को एक मेसेज भेजा – 5 May ko “ Sadasyata Punji Login Day” hai. Sadasyata Punji mai nivesh kar apane sabhi sadasy ko 15% prastaavit antarim labhansh ka avasar pradan kare. इस मेसेज का हिन्दी रूपांतरण होता है – 5 मई को “ सदस्यता पूंजी लोग इन डे “ है. सदस्यता पूंजी (शेयर कैपिटल) में निवेश कर अपने सभी सदस्य को 15% प्रस्तावित अंतरिम लाभांश का अवसर प्रदान करे.
इस मेसेज के बाद सभी एजेंटो ने मोर्चा संभाल लिया और सभी वर्तमान व नए निवेशको को 15% का लोलीपॉप दिखा कर शेयर कैपिटल में निवेश करने के लिए फांसने लग गए है. इस शेयर कैपिटल पर अंतरिम लाभांश की सारी हकीकते इस सोसाइटी द्वारा घोषित ही नहीं की बल्कि छिपा ली गयी है. अत: सभी निवेशक निम्न बिन्दुओ पर ध्यान दे अन्यथा उनको बड़ा नुकसान हो सकता है.
- इस सोसाइटी की वर्त्तमान अधिकाँश पूंजी एक तरह से मनी लौन्डरिंग जेसे बनावटी व्यवहारों से पैदा की गयी है ताकि जनता से अधिक से अधिक लोन / डिपाजिट ले सके. कोई भी सोसाइटी अपनी शेयर कैपिटल से 10 गुना से ज्यादा डिपाजिट नहीं ले सकती है. इस लिए जरूरी है कि शेयर पूंजी को जायज तरीके से बढाया जाए. ज्यादातर सोसाइटिया अपने लोन राशि को ही शेयर कैपिटल में ट्रान्सफर कर नाजायज तरीके से पूंजी बढ़ा लेती है तथा इस बनावटी रूप से बढ़ी हुई पूंजी के आधार पर और डिपाजिट ले लेती है. इस तरह से एक कुचक्र से और पूंजी बढ़ा ली जाती है जो कि स्पष्टत: मनी लौन्डरिंग का गंभीर दंडनीय अपराध है. इस मनी लौन्डरिंग के प्रभाव को कम करने के लिए ही शेयर कैपिटल में निवेश का लोलिपॉप अब दिखाया जा रहा है.
- मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क़ानून में अंतरिम लाभांश का कोई प्रावधान ही नहीं है.
- शेयर कैपिटल के निवेश को डिपाजिट की तरह जब चाहे वापिस नहीं लिया जा सकता है तथा इसी स्थिति में डिविडेंड तो हमेशा ही डूबत हो जाता है.
- सोसाइटी के संविधान के अनुसार लाभांश उस शेयर कैपिटल पर मिलता है जो 31 मार्च पिछले कम से कम १२ माह से जमा थी या 31 मार्च को जमा शेयर कैपिटल पर अनुपातिक समय के लिए ही मिलता है. लेकिन इस सोसाइटी द्वारा अपने संविधान के प्रावधान को आम शेयर होल्डर से छिपाकर शेयर कैपिटल के नाम पर धोका दिया जा सकता है.
- पुराने उदाहरण भी देखे तो एक वर्ष विशेष में इस सोसाइटी ने 70% लाभांश घोषित किया था लेकिन वो लाभांश मात्र एक शेयर होल्डर (सोसाइटी के वास्तविक मालिक) को ही दिया गया था जो कि एक करोड़ से भी ज्यादा था तथा शेष शेयर होल्डर्स को एक रूपया भी लाभांश का नही दिया गया था.
- अभी कुछ वर्ष पहले भी घोषणा के बावजूद इस सोसाइटी ने कई वर्षो तक डिविडेंड (लाभांश) नहीं दिया गया लेकिन इस मामले के खुल जाने पर छोटे छोटे शेयर होल्डर्स एक साथ 10% लाभांश देकर खाना पूर्ती की गयी थी.
इन हालातो में प्राइवेट कोपरेटिव सोसाइटियो के बेचारे सदस्यों को इस लोलिपॉप के फंदे से बचना चाहिए क्योकि लोभी (ज्यादा ब्याज / लाभ की कामना करने वाला) आदमी किसी न किसी दिन ठगा जाएगा ही.