अब प्रिंट मीडिया में भी नोटबंदी को तुगलकी फरमान / प्रयोग बताया जाने लगा है ?
अब प्रिंट मीडिया में भी नोटबंदी को तुगलकी फरमान / प्रयोग बताया जाने लगा है ?
अभी तक नोटबंदी पर संयत भाषा का उपयोग करने वाला प्रिंट मीडिया भी धीरे-धीरे नोटबंदी को ‘तुगलकी फरमान’ बताने लगा है ? ज्योही नोटबंदी संबंधी आधिकारिक आंकड़े बाहर बाए है, डरा व घबराया हुआ प्रिंट मीडिया भी धीरे-धीरे कुछ सच्चाई लिखने की हिम्मत करने लगा है. कुछ नोजवान पाठको को शायद मालूम भी नहीं हो कि यह ‘तुगलकी फरमान’ क्या चीज है. भारत में ‘मोहम्मद बिन तुगलक’ (Muhammad bin Tughlaq) नामक शासक रहे है जिसको सनकी व पागल भी कहा जाता था. एक दिन उसके मन में आया और देश में चल रहे ‘सोने के सिक्के’ (Gold Coins) बंद कर अपनी मोहर के ‘चमड़े के सिक्के’ (Leather Coins) जारी कर दिए थे. जब से सोने के सिक्के बंद कर अपनी मोहर के चमड़े के सिक्के जारी करने के पागलपन युक्त आदेश जारी किया गया था उस दिन से ऐसे आदेशो को ‘तुगलकी फरमान’ (Tughlaqee Order) कहा जाने लगा है.