क्या बच्चो, मा-बाप व परिजनों के नाम से संव्यवहार (Transactions) भी बेनामी माने जायेंगे (भाग-3)
क्या बच्चो, मा-बाप व परिजनों के नाम से संव्यवहार (Transactions) भी बेनामी माने जायेंगे ?
अभी तक न्यूज़ क्लब पर ‘बेनामी व्यवहार / सम्पति पर दो लेख “.‘बेनामी’ (Benami) व ‘बेनामी संबंधी क़ानून’ (Benami Law) है क्या (भाग-1)” व “‘बेनामी सम्पति’ (Benami Property) व ‘बेनामी संव्यवहार’ (Benami Transaction) में क्या क्या शामिल है (भाग-2)” पढ़ चुके है. सभी पाठको व आम जनता के लिए ’ The Prohibition of Benami Property Transaction Act, 1988 (1 नवम्बर, 2016 से प्रभावी / लागू ) व The Prohibition of Benami Property Transaction Rules, 2016 भी न्यूज़ क्लब पर प्रकाशित किये जा चुके है.
लेकिन आज का हमारा विषय है कि क्या बच्चो, मा-बाप व परिजनों के नाम से संव्यवहार (Transactions) भी बेनामी माने जायेंगे ? भारतीय समाज में इस विषय पर शंकाए व भ्रान्तिया फेली हुई है जिसका निवारण करना हम जरूरी समझते है.
जेसा कि व्यवहार में समाज में देखा जाए तो हमारे भारतीय समाजो में यह होता आया कि कुछ निवेश पत्नी, बच्चो व परिजनों के नाम से किये जाते रहे है. लेकिन अब यदि आप नया बेनामी क़ानून को पढेंगे तो आपको अहसास होगा कि बच्चो, मा-बाप व परिजनों के नाम से संव्यवहार (Transactions) भी बेनामी माने जा सकते है. साधारणतया निम्न परिजनों के नाम से निवेश (investment) किये जाते है जिन्हें अब बेनामी माना जा सकता है –
- सयुक्त हिन्दू परिवार का कोई भी सदस्य (Any Member Of HUF)
- पत्नी (Wife)
- पति (Husband)
- संतान (बच्चे)
- बहन (Sister)
- भाई (Brother
- वंशज (जेसे- पोता-पोती आदि)
- पूर्वपुरूष (जेसे- दादा-दादी आदि)
अपवाद – लेकिन यदि निवेशक द्वारा भुगतान उसके के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो तो उस स्थिति में उसे बेनामी प्रॉपर्टी / निवेश नहीं माना जाएगा. यानिकी यदि घोषित एक नंबर का निवेश है तो उसे बेनामी नहीं माना जाएगा लेकिन यदि अघोषित दो नंबर (काले धन) का निवेश है तो उसे बे बेनामी प्रॉपर्टी / निवेश ही नहीं माना जाएगा.
चिंता का विषय नहीं – यदि घोषित एक नंबर का निवेश है तो कोई चिंता या डर की कोई बात ही नहीं है.
लेखक : सीए मुकुल मुंदडा