जीएसटी के घाटे की भरपाई पेट्रोल-डीजल से – GST LOSS Recovery By Hiked Pertro-Diesel Prices !
जीएसटी के घाटे की भरपाई पेट्रोल-डीजल से – GST LOSS Recovery By Hiked Pertro-Diesel Prices !
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देश के पीएम मोदी जी की राजनीतिक मजबूरी है कि वो सच नहीं बोल सकते है और मोदी परस्त देश भक्तो की मजबूरी है कि वो अपनी आस्था से आगे कुछ भी नहीं देख सकते लेकिन हकीकत है कि आज देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतो ने कांग्रेस व अटलजी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. अब तो आम आदमी को भी विश्वास हो चला है कि पेट्रोल रू. 100/- का नया रिकॉर्ड बनाले तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. विकास व पेट्रोल-डीजल की कीमतो में सीधा सम्बन्ध है. जितनी पेट्रोल-डीजल की कीमते बढ़ेगी, उतना ही देश में विकास होगा.
देश को झूठ परोसकर धोका दिया जा रहा है : पेट्रोल-डीजल की कीमते बढाने का फोर्मुला कांग्रेस लेकर आई थी जिसका बीजेपी व स्वयं मोदीजी ने भारी विरोध किया था. फिर मोदीजी स्वयं उसी कांग्रेसी ‘कीमत निर्धारण घोड़े’ पर सवार हो गए. इन्होने नीति को बदला, पहले मासिक और अब देनिक कीमत निर्धारण करने की घोषणा कर दी. इस घोषणा के समय कहा यह गया था कि कीमतों को अन्तराष्ट्रीय बाजार कीमतों के हिसाब से रोज ऊपर-नीचे तय की जायेगी. लेकिन अब सरकार वादा खिलाफी कर सिर्फ और सिर्फ कीमते बढ़ा रही है. मुंबई में तो पेट्रोल 80 रू. लीटर पार कर गया.
मोदी के महान भारत का ग्राफ दुनिया से उलटा : पिछले लगभग तीन महीनो में क्रूड पेट्रोलियम की अन्तराष्ट्रीय बाजार कीमतों में 30% तक गिरावट आ चुकी है लेकिन इस महान भारत में सरकारी वादे के विपरीत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रू. 10/- से ज्यादा कीमते बढ़ा दी गयी है. मोदी जी को भी पूरा विश्वास है कि देश की महान जनता 65 साल के गड्ढे भरने तक कुछ नहीं बोलेगी. पूरी दुनिया का अन्तराष्ट्रीय बाजार कीमतों का ग्राफ लगातार नीचे उतर रहा है लेकिन दुनिया से उलट हिन्दुस्तान का ग्राफ नई उच्चाइयो को छू रहा है.
जीएसटी के घाटे की भरपाई पेट्रोल-डीजल से : देश नोटबंदी की काली परिछायी से उबर भी नहीं पाया था कि मोदी जी बिना तेयारी के ही देश पर GST (Good Saral Tax) थोप दिया. परिणाम सामने है. पूरा देश तो दुखी है लेकिन सरकार भी दुखी है. GST के राजस्व में भारी गिरावट होने से सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है. अब सरकार के पास कोई विकल्प ही नहीं है, इसी कारण पीछे के दरवाजे से पेट्रोल-डीजल की कीमते बढ़ा-बढ़ा कर घाटे की पूर्ती की जा रही है. कल ही मेने लिखा था कि GST की वजह से कई ब्रांड/ ट्रेड मार्क रद्दी हो गए. ठीक इसी तरह से पेट्रोल-डीजल की कीमते बढ़ाने के लिए भी GST की असफलता ही जिम्मेदार है.
सरकार भी जीएसटी को ही जिम्मेदार मान रही है : सरकार भी इसके लिए GST को जिम्मेदार मानती है. हमारे वित्त मंत्री जी के अनुसार पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकारों ने GST नहीं लगाने दिया और जिससे पेट्रोल-डीजल पर वैट व्यवस्था ही चल रही है. अत: मोदी सरकार कह रही कि पेट्रोल-डीजल पर GST नहीं है इसलिए कीमते बढ़ रही है. कुल-मिलाकर मोदी सरकार इस बढ़ोतरी का ठीकरा राज्य सरकारों के सिर पर फोड़ कर एक और झूठ बोल रही है.