जीएसटी को छोटे व्यापार के लिए केसे बनाए सरल और केसे टैक्स बचाए ?
जीएसटी को छोटे व्यापार के लिए केसे बनाए सरल और केसे टैक्स बचाए ?
जीएसटी (GST) लागू हो चुका है और अधिकाँश छोटे व्यापारी अभी भी असमन्जस / कनफ्यूजन की स्थिति में है. व्यापार धीरे-धीरे शुरू हुआ है लेकिन रफ़्तार पकड़ने में अभी काफी समय लगेगा. हर छोटा-बड़ा व्यापारी अपने-अपने हिसाब से क़ानून को समझने की कोशिश कर रहा है. दो प्रमुख विषय है – किस रास्ते में सरल क़ानून (Easy GST) मिलेगा और किस रास्ते में टैक्स की बचत (Tax Saving) होगी यानिकी टैक्स की कम मार पड़ेगी. इसे आप टैक्स प्लानिंग (GST Planning) भी कह सकते है.
जेसा कि अब तक सभी व्यापारियों के संज्ञान में है कि जीएसटी में टैक्स मार की दृष्टि से तीन तरह की व्यवस्थाये है, अन-रजिस्टर्ड व्यापारी – Unregistered Dealer (रू. 20 लाख से कम टर्नओवर वाले), कम्पोजीशन वाला रजिस्टर्ड व्यापारी – Composition Dealer (रू. 20 लाख से अधिक लेकिन रू. 75 लाख से कम टर्नओवर वाले) व पूरा रजिस्टर्ड व्यापारी – Fully Registered Dealer (बाकी बचे हुए बड़े व्यापारी).
अन-रजिस्टर्ड व्यापारी (रू. 20 लाख से कम टर्नओवर वाले) तो वेसे ही जीएसटी से मुक्त है (GST Registration Free), अत: उनके लिए कोई भी चर्चा का कोई अर्थ ही नहीं है. जेसा भी अभी क़ानून है, कम्पोजीशन जीएसटी ( Composition GST ) काफी सरल व्यवस्था है, पालन करने में तथा टैक्स बचाने में भी. अत: ‘कम्पोजीशन जीएसटी’ जीएसटी का सबसे सरल फॉर्मेट (GST Easy Format) है, बशर्ते इसे शांति से समझा जाए. इस फॉर्मेट के जरिये अच्छी टैक्स प्लानिंग भी संभव है. इस लेख में सिर्फ माल पर जीएसटी (GST On Goods) की ही चर्चा कर रहां हूँ.
‘कम्पोजीशन जीएसटी’ की तीन तरह के व्यापारी सुविधा ले सकते है. पहले वो जिनका वास्तविक टर्नओवर ही रू. 75 लाख से कम, दूसरे वो जो अपनी आवश्यकता व परिवार / भागीदारो की संख्या के अनुसार एक से ज्यादा व्यापारिक फर्म बना कर हरेक फर्म का टर्नओवर 75 लाख से कम रखने में कामयाब हो सकते है तथा तीसरे वो जो अपने व्यापार को अन्य व्यापारियों की मदद से अलग-अलग तरीको से व्यापार का डायवर्सन (Turnover Diversion) कर सके. इसलिए पहली शर्त ही यह है कि आपकी फर्म का टर्नओवर 75 लाख से कम रखना संभव हो.
‘ कम्पोजीशन जीएसटी ’ से किन-किन व्यापारों में भारी टैक्स की बचत की जा सकती है : निश्चित तोर पर कम्पोजीशन काफी सरल है (Easy Composition) तथा कुछ निम्न मामलों में टैक्स में भारी बचत (Tax Saver GST) हो सकती है, अत: ऐसे मामलों में कम्पोजीशन का फ़ायदा अवश्य उठाना चाहिए –
- जहा व्यापारी का प्रॉफिट मार्जिन (High Profit Margin) बहुत ज्यादा हो, जेसे – मेडिकल व्यापार (Medical Business).
- जहा टैक्स की रेट बहुत ज्यादा हो (High Tax Rate ) , जेसे – १८% व 28% टैक्स रेट वाले आइटम्स का व्यापार.
- जहा व्यापारी का मार्जिन (प्रॉफिट मार्जिन) भी ज्यादा हो तथा टैक्स की रेट भी उच्ची हो (High Profit Margin and High Tax Rate both).
- कई ऐसे मैन्युफैक्चरर (Manufacturer with low input tax cost) जिनके इनपुट टैक्स की लागत अपेक्षाकृत कम है, लेकिन उत्पादित आइटम पर टैक्स रेट काफी उच्ची है, जेसे नमकीन मैन्युफैक्चरिंग – Namakeen Manufacturing.
कई सावधानिया बरतनी होगी : कम्पोजीशन का फायदा लेने से पहले टर्नओवर की सीमा के अलावा भी कुछ निम्न महत्त्वपूर्ण पाबंदियो / शर्तो का भी पालन करना होगा लेकिन इन में से कुछ शर्तो को अपने सीए की सलाह से टैक्स प्लानिंग कर के टाला / बचा जा सकता है –
- 31 मार्च, 2017 को समाप्त होने वाले वर्ष में उसी व्यापारी का टर्नओवर 75 लाख से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
- 30.06. 2017 को उसके स्टॉक में राज्य के बाहर से (अंतर्राजीय) खरीदा हुआ माल स्टॉक में नहीं होना चाहिए.
- राज्य के बाहर (अंतर्राजीय) माल (Interstate Sales) नहीं बेच सकेगा.
- कम्पोजीशन में व्यापारी अमेजन या फ्लिफकार्ट (Online Business) जेसी कंपनियों के मार्फ़त ऑनलाइन माल सेल नहीं कर सकेगा.
- बिक्री पर देय 1% टैक्स अपनी जेब से देना होगा. व्यापारी यह कम्पोजीशन टैक्स खरीददार से नहीं वसूल सकता.
- अपंजीकृत माल व सेवाओं की खर्रीद पर RCM के तहत रिवर्स टैक्स देना होगा जिसके लिए रू. 5,000/- तक खरीद पर छुट नहीं मिलेगी.
- व्यापारी के पास उपलब्ध 30.06.2017 के उसके स्टॉक का विवरण ( चाहे शून्य हो ) भी सरकार को देना होगा.
- अन-रजिस्टर्ड व्यक्तियों से खरीदे माल का 30.06.2017 को जो स्टॉक है, उस पर जीएसटी टैक्स / RCM जमा कराना होगा और वह जीएसटी टैक्स आज की रेट पर देना होगा.
- जिस दिन कम्पोजीशन डीलर की बिक्री 75,00,000/- से ज्यादा हुई, उसी दिन से कम्पोजीशन समाप्त हो जाएगा तथा रेगुलर डीलर(Regular Dealer) माना जाएगा लेकिन उस दिन उपलब्ध स्टॉक पर लगे टैक्स का कोई इनपुट क्रेडिट ( Input Tax Credit )नहीं मिलेगी.
सीए मुकुल मूंदड़ा / CA. Mukul Moondra
कॅश के बिल बिना नाम के कितने अमाउंट तक बना सकते है।
प्रिय गोपाल जी,
GST में 50,000/- से नीचे तक कैश बिल काटा जा सकता है लेकिन इनकम-टैक्स लॉ के अनुसार व्यवहारिकता के नाते 10,000/- से नीचे ही रोकड़ बिल काटना चाहिए. अत: सलाह दी जाती है कि रोकड़ बिल को 10,000/- से नीचे ही रखे.
सर मेरी कपडे कि दुकान हैं जो मैंने 30-6-17 को चालू कि, मेरा माल दुसरे राज्य से लाया है, मेरा 1 महिने का सेल 1लाख के अंदर है, 30-6-17 के पहीले opning खरेदी 6 लाख कि है , मुझे g s t no लेना जरुरी है , और है तो फिर कोणसी स्कीम लेना जरूरी हैं, और closing stock पर कितना टॅक्स देना होंगा,
प्रिय अशोक,
आप राज्य के बाहर से माल मंगवाते है तथा आपकी सालाना बिक्री 75 लाख से कम है तथा आप उपभोक्ता व छोटे व्यापारियों को ही माल बेचते है तो आपको कम्पोजीशन में जाना चाहिए.
सर मैं वोडाफोन कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनना चाहता हूँ।
पर इसमे टर्न ओवर बहुत ज्यादा होने की संभावना है और
इसमें मार्जिन (आय) बहुत ही कम है।
शुरू में टर्न ओवर 75 लाख से कम होगा पर आगे चलकर
बढ़ने की उम्मीद है।
इस बिज़नेस में GST रेट कितना लगेगा, एक साल में कितनी बार रिटर्न्स फ़ाइल करना होगा?
सर हो सके तो जल्दी रिप्लाई करें।
धन्यवाद…
यदि १.00 से कम टर्नओवर रखे और कम्पोजीशन में रहे तो टैक्स १% अपनी जेब से देना होगा.