Thursday, March 7, 2019

आयकर ट्रिब्यूनल जज तोलानी व अति. आयकर आयुक्त वर्मा के खिलाफ आरोप  

सी.ए. के.सी. मूंदड़ा ने अपनी एक शिकायत में केन्द्रीय सतर्कता आयोग के समक्ष आयकर ट्रिब्यूनल, अहमदाबाद बेंच  के  वर्तमान जज आर.पी. तोलानी व  आयकर ट्रिब्यूनल, जयपुर बेंच में ही कार्यरत  व विभागीय प्रतिनिधि  /  अति. आयकर आयुक्त आर.ए. वर्मा के खिलाफ उत्पीडन व समय / पेसो के नुकसान के  गंभीर आरोप आरोप लगाए है.  के.सी. मूंदड़ा ने अपनी शिकायत की प्रतिया कानून  मंत्रालय के सेक्रेटरी, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन व प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, जयपुर को भी भेजी है.

 के.सी. मूंदड़ा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि लगभग 15 माह  पुराने एक भूल-सुधार आवेदन की   सुनवाई नहीं होने देने के लिए आयकर ट्रिब्यूनल, अहमदाबाद बेंच  के जज आर.पी. तोलानी अपना  भरसक प्रयास का रहे है तथा इस प्रयास के लिए अपने षड़यंत्र में जयपुर बेंच में कार्यरत  व विभागीय प्रतिनिधि  /  अति. आयकर आयुक्त आर.ए. वर्मा को भी सम्मिलित कर लिया है. जेसा कि  के.सी. मूंदड़ा द्वारा क्लेम किया जा रहा है कि यह पूरे भारत में आयकर ट्रिब्यूनल में लंबित सबसे पुराना  एक भूल-सुधार आवेदन है.

शिकायत में आरोपित षड़यंत्र  के अनुसार 01.07.2016 को उक्त भूल-सुधार आवेदन की सुनवाई के लिए आर.पी. तोलानी ने षड़यंत्र कर स्वयं का अहमदाबाद से जयपुर का एक सप्ताह का  टूर मेनेज किया और जयपुर आकर बिना किसी कारण के 01.07.2016  को उक्त भूल-सुधार आवेदन की सुनवाई को स्थगित करके वापिस अहमदाबाद चले गए. उस दिन के स्थगन के लिए विभागीय प्रतिनिधि  /  अति. आयकर आयुक्त आर.ए. वर्मा द्वारा स्थगन माँगने का झूठा उल्लेख करवाया जिसका षडयंत्र  के चलते  आर.ए. वर्मा मौन रहकर तोलानी के षडयंत्र में में शामिल हो गए जबकि वर्मा ने स्थगन माँगा ही नहीं था.  इस घटना से स्पष्ट था कि तोलानी के षडयंत्र में आर.ए. वर्मा भी शामिल थे.

अभी ताजा जयपुर में 07.10.2016 को उक्त भूल-सुधार आवेदन की सुनवाई के दोरान  अंतिम क्षणों में आर.ए. वर्मा ने ट्रिब्यूनल में यह कहते हुए मोखिक स्थगन मांग  लिया कि उसको फाइल समय  पर  नहीं मिलने के कारण वह तेयारी नहीं कर सका जबकि पिछली तीनो सुनवाई के दोरान आर.ए. वर्मा स्वयं ही विभागीय प्रतिनिधि थे , अत: इसी स्थिति में चौथी सुनवाई में क्या तेयारी बाकी रह गयी थी. वेसे भी  भूल-सुधार आवेदन में विभागीय प्रतिनिधि के लिए बहस के लिए कुछ भी होता ही नहीं है क्योकि ट्रिब्यूनल के जज स्वयं अपनी भूलो  की रक्षा करते ही है. इन सबसे स्पष्ट है कि  आर.पी. तोलानी व  अति. आयकर आयुक्त आर.ए. वर्मा  एक षडयंत्र के तहत देश व सभी पक्षों का समय व धन बर्बाद कर अपीलार्थी का उत्पीडन कर रहे है.

उक्त शिकायत में के.सी. मूंदड़ा ने निम्न तथ्यों की जांच के लिए निवेदक किया –

  • 07.10.2016 को  आर.ए. वर्मा  केस की तेयारी क्यों नहीं कर पाए थे  व 
  • 07.10.2016 को  फाइल कहा से यात्रा कर आर.ए. वर्मा के पास नहीं पहुची थी या देरी से पहुची थी.
  • क्या यह मामला इन उच्च वेतन धारियों द्वारा देश का समय व धन के अपव्यय का नहीं ?
  • 01.07.2016 को आर.ए. वर्मा ने चुप रह कर सुनवाई को स्थगित कराने में आर.पी. तोलानी को क्यों सहयोग दिया ?

 

उक्त शिकायत में के.सी. मूंदड़ा ने आयकर ट्रिब्यूनल, अहमदाबाद बेंच  के  वर्तमान जज आर.पी. तोलानी व  आयकर ट्रिब्यूनल, जयपुर बेंच में ही कार्यरत  व विभागीय प्रतिनिधि  /  अति. आयकर आयुक्त आर.ए. वर्मा को दण्डित करने की भी मांग की.

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