5 दिन से जयपुर शहर में चल रहे “19वीं आर्केशिया” 2017 समारोह का सफलतापूर्ण समापन
5 दिन से जयपुर शहर में चल रहे “19वीं आर्केशिया” 2017 समारोह का सफलतापूर्ण समापन
जयपुर शहर में चल रहे 19 वें आर्केशिया सम्मेलन में देश-विदेश से आए क़रीब 1200 आर्किटेक्ट्स ने भाग लिया। आर्केशिया में क़रीब 21 देशों के अनुभवी व युवा आर्किटेक्ट्स भाग लिया और अपने किए हुए कार्यों के अनुभवों का आदान-प्रदान किया। इस समारोह में देश के कुछ महान आर्किटेक्ट्स आर्क. बी.वी.दोशी व आर्क. राजरेवाल ने भाग लिया व अपने अनुभवो को आज के युवाओं से साझा किया।
आई.आई.ए. राजस्थान चैप्टर कार्यकारिणी निकाय के सभी सदस्यों ने इस आयोजन की सफलता के लिए पूरा सहयोग किया। कार्यकारिणी के सदस्य आर्किटेक्ट्स –आलोक रंजन, ज्ञानेंद्र सिंह शेखावत, तुषार सोगानी, मुकुल गोयल, प्रकाश मोहनानी, गौरव अग्रवाल, आशुतोष भार्गव, मनीष ठाकुरिया, रघुवीर सिंह, निश्चल जैन, कविता जैन, विकास विजय, अंकुर सिंह तंवर, आयुष भारद्वाज व स्नेहा अरोरा तथा कार्यकारिणी के बाहर से आर्किटेक्ट्स- अदिति भारद्वाज, राहुल सक्सेना, संदीप पूनिया, अमित कोठीवाल, अंकित शर्मा, मुकेश शर्मा, अभिनव शर्मा, सुनील खज्जा ने अलग-अलग कार्य कर इस आयोजन को अर्कशिया के इतिहास में सबसे सफल आयोजन बना दिया।
जहाँ आर. आलोक रंजन व आर. ज्ञानेंद्र शेखावत की अध्यक्षता में आर. तुषार सोगानी, आर. मुकुल गोयल व आर. प्रकाश मोहनानी ने पूरे आयोजन की अगुवाई की वहीं पीछे से आर. निश्चल जैन व कविता जैन ने सभी अतिथियों को जयपुर शहर के इतिहास से अवगत करवाया तथा आर. आयुष भारद्वाज व आर. अदिति भारद्वाज ने एतिहासिक आर्किटेक्चर से रूबरू करवाया। सभी देश विदेश के अतिथि आर्किटेक्ट्स का राजस्थानी तरीक़े से स्वागत कर आर. विकास विजय, अभिनव शर्मा व मुकेश शर्मा ने मेहमाननवाजी की शुरुआत की।
इस आयोजन से सभी आर्किटेक्ट्स को शहर, घर, धार्मिक स्थल, बाज़ारों, जन स्थानों, खुले स्थानों व बगीचों की ज़रूरतों व डिज़ाइन करने के तरीक़ों के बारें में कुछ अनुभवी आर्किटेक्ट्स से जानने को मिला। अतिथियों को अलग-अलग विरासती भवनों में राजस्थानी रंगारंग कार्यक्रमों के साथ यहाँ के बेहतरीन पकवानों का चस्का लगवाया आर. आशुतोष भार्गव और रघुवीर सिंह ने। इस साल भी कुछ अनोखे व अच्छे आर्किटेक्चरल डिज़ाइनस को अवार्ड भी दिए गए। इन अवार्ड्स को प्रेज़ेंट करने में सहयोग आर. गौरव अग्रवाल ने दिया। ऐसी ही कई और बातें हैं, जो ना कही जा सकती हैं ना बताई, ये उन लोगों का सम्मेलन था जो कभी भी सीखना बंद नहीं करते।