GST: पांच से ज्यादा वस्तुओं के व्यापार का रजिस्ट्रेशन नहीं, लेकिन क्यों?
GST : पांच से ज्यादा वस्तुओं के व्यापार का रजिस्ट्रेशन नहीं, लेकिन क्यों?
अर्थव्यवस्था के लिए नई क्रांति करार दी जा रही जीएसटी प्रणाली के पहले चरण में बड़ी खामी सामने आई है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में अधिकतम पांच वस्तुओं (HSN Code) के कारोबार का ही पंजीयन हो पा रहा है। नई कर प्रणाली से अनभिज्ञ व्यापारी घबराए हुए हैं कि अब सरकार उनके कारोबार की सीमा तो नहीं बांधने जा रही।
नई कर प्रणाली लागू होने से पहले 20 लाख रुपए से ज्यादा का वार्षिक कारोबार करने वाले सभी व्यापारियों को जीएसटी नेटवर्क पर रजिस्ट्रेशन करवाना है। इंदौर में नामांकन व रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन लिंक 1 जून से खोली गई है, जिसकी आखिरी तारीख 15 जून है। इस दौरान सभी व्यापारियों को उनके कारोबार का पोर्टल पर नामांकन करवाकर रजिस्ट्रेशन नंबर हासिल करना है। जीएसटी के तहत हर वस्तु को एक विशेष कोड (एचएसएन) दिया गया है। कारोबारी को अपने रजिस्ट्रेशन के दौरान वस्तुओं का कोड (HSN Code) के साथ नामांकन करवाना है जिनका वह व्यापार कर रहा है। व्यापारी जब जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करवाने पहुंच रहे हैं तो उन्हें बताया जा रहा है कि एक रजिस्ट्रेशन पर अधिकतम पांच वस्तुओं (HSN Code) का ही नामांकन होगा। कर सलाहकार और सीए भी कारण साफ नहीं कर पा रहे हैं।
सीए अंजना लखोटिया के मुताबिक एचएसएन कोड के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर सिर्फ पांच वस्तुओं का ही विकल्प दिया गया है। हर वस्तु पर टैक्स की दर अलग है। किराना कारोबारी तो सैकड़ों वस्तुओं की खरीदी-बिक्री करता है। इलेक्ट्रिकल, हार्डवेयर, लोहा, मशीनरी और तमाम तरह के कारोबारी भी परेशान हैं। फिलहाल हम उन्हें सलाह दे रहे हैं कि अभी पांच वस्तुओं से रजिस्ट्रेशन करवा लें। बाद में नेटवर्क पर विकल्प बढ़ा दिए जाएंगे। इससे भी व्यापारी संतुष्ट नहीं हो रहे। दरअसल आने वाले समय में उन्हें वैट और एक्साइज समेत पुराने चुकाए करों का जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट भी लेना होगा। लिहाजा यह घबराबट भी है कि वस्तुओं का नामांकन नहीं होने पर आगे उन्हें क्रेडिट मिलने में भी परेशानी आ सकती है।
रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए समय और जीएसटी नेटवर्क की धीमी रफ्तार ने भी परेशानी खड़ी कर दी है। कर सलाहकारों के मुताबिक नेटवर्क की सुस्त रफ्तार के कारण फिलहाल 24 घंटे में 15 से 20 रजिस्ट्रेशन ही हो पा रहे हैं। ऐसे में संभव नहीं है कि महज 15 दिन में सभी व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन हो पाए। समस्या का हवाला देते हुए कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन और मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन ने रजिस्ट्रेशन की मियाद बढ़ाने की मांग की है।
अश्विन लखोटिया, अध्यक्ष, मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन का कहना है , ” समय बढ़े और सुधार भी हो। नेटवर्क सुस्त है और तकनीकी परेशानियां भी सामने आ रही हैं। रजिस्ट्रेशन का समय बढ़ाना जरूरी है। नेटवर्क पर व्यापारी के अलावा कंसल्टेंट के लिए भी विंडो होना चाहिए। इससे समय पर जरूरी सुधार और व्यापारियों को सूचना मिल सकेगी।”
जो भी हो इससे एक बात साफ़ है कि जीएसटी कर प्रणाली 1 जुलाई से लागू करने में सरकार की तैयारी अधूरी है। अगर मोदी सरकार इसे लागू करने का थोड़ा समय आगे बढ़ा लेवे तो व्यापारियों के साथ-साथ सरकार का भी बहुत फायदा होगा।”
● सोहिल दम्मानी, इंदौर