Tuesday, January 14, 2020

सावधान ! ‘नापतोल’ ऑनलाइन शौपिंग पर उपभोक्ता को केसे फंसाया जाता है – How Consumer is trapped on naaptol.com – अध्यक्ष, नया भारत पार्टी (Naya Bharat Party)  

सावधान ! ‘नापतोल’ ऑनलाइन शौपिंग पर उपभोक्ता को केसे फंसाया जाता है – How Consumer is trapped on naaptol.com – अध्यक्ष, नया भारत पार्टी (Naya Bharat Party)

 

‘उपभोक्ता संरक्षण (Consumer Protection)’ के साथ-साथ ‘सत्य (Truth) को पुनर्स्थापित करवाना’ भी नया भारत पार्टी (Naya Bharat Party) के  रजिस्टर्ड उद्देश्य (Registered Objects) है. उपभोक्ताओं को ऑनलाइन ठगी (Online Cheating) और झूठ से बचाने के लिए भी नया भारत पार्टी प्रयासरत है. इसी प्रयास के चलते इस विषय पर रिसर्च करते-करते ज्ञात हुआ कि नापतोल (naaptol.com) जो कि टीवी चैनल के माध्यम से भी ऑनलाइन माल बेचती है, खुल्लेआम झूठ परोस कर ठगी व धोखाधड़ी (Cheating) कर रही है.

पहली रिपोर्ट : इस सम्बन्ध में पहली तथ्यात्मक रिपोर्ट दिनांक 17 फरवरी, 2019 को पब्लिश की गयी थी जिसमे बताया गया था कि विज्ञापन में बताये टोल के मुकाबले कितने कम वजन माँ माल दे दिया. पाठक स्वयं विडियो देखे . आज इस दूसरी रिपोर्ट में भारत के उपभोक्ताओं (Consumers) को प्रस्तुत की जा रही है जिसे अधिक से अधिक लोगो को ठगी से बचाने के लिए शेयर (Share) करे  और बताये.   

कम कीमत के साथ चकाचौंध फोटो लेकिन प्रमाणिक गुणवता (Certifiable Quality) पर चुप्पी : आप देखेंगे कि नापतोल (Naaptol) पर चकाचौंध फोटो / विडियो (Astonishing Photo / Video) से प्रोडक्ट को बहुत ही खुबसूरत व क्वालिटी का बताया जाता है लेकिन हकीकत में वेसा होता नहीं है. प्रोडक्ट (Product) के बारे में ऐसी कोई सूचना व जानकारी नहीं बताई जाती है जिसको आप जांच-परख सके. जिससे ठगाई (Cheating) का पता माल डिलीवरी लेने के बाद ही पता चलता है और बाद में कोई सुनवाई नहीं होती.

कम कीमत को डिलीवरी चार्जेज (Delivery Charges) से बढ़ा दिया जाता है : पूरे प्रचार में डिलीवरी खर्च (Delivery Charges) के बारे में चुप्पी रखी जाती है लेकिन आप ज्योही माल खरीदने की बुकिंग के लिए फ़ोन करेंगे, तो आपकी मानसिकता को पढ़ते हुए, आर्डर को कन्फर्म (Confirmation Of Order) करते हुए आपके पास पहले फ़ोन में आपको बताया जाएगा कि सेकड़ो रूपयों का डिलीवरी खर्च लगेगा. कम कीमत के लोभ में उपभोक्ता एक बार ट्राई (Try) करने की सोच के साथ हां भर देता है. फिर दूसरा फ़ोन आयेगा और आपको ओर पेसे लेकर नापतोल का डायमंड मेम्बर (Diamond Member) बनाने का प्रलोभन दिया जाएगा और बताया जाएगा कि मेम्बर बन जाने पर भविष्य में डिलीवरी खर्च नहीं लिया जाएगा. लगभग 1500/- रूपये के आइटम पर 500 से 600 रूपये तक और ले लिए जाते है और भविष्य में सस्ते के चक्कर में उपभोक्ता जाल में फंसता जाता है.

विभिन्न शहरों में बुकिंग का स्टेटस (Booking Status) भी फर्जी ही होता है : आप पायेंगे कि नापतोल के विज्ञापन के विडियो में लाइव बुकिंग व स्टॉक की लाइव स्थिति (Stock Live Status) बतायी जाती है और शहरों के नाम के साथ बुकिंग बतायी जाती है जो कि पूरी रूप से फर्जी व पूर्व में रिकार्डेड (Pre-recorded)होता है, कुछ भी लाइव नहीं होता है. आप कुछ समय या कुछ घंटो के बाद या दूसरे-तीसरे दिन पुन: विज्ञापन देखे, वही विडियो पुन: उन्ही शब्दों के साथ दिखाया जाएगा जिससे आप स्वयं संतुष्ट हो जायेंगे कि केसे फर्जी व झूठा प्रचार करके संभावित ग्राहक को फंसाया जाता है (How the Consumers are trapped) .

फोटो और असलियत में बहुत फर्क होता है (Substantial Difference in Photo and real Goods) : आप पायेंगे के विज्ञापन के विडियो में दिखाया गया माल का फोटो और वास्तविक माल में बहुत ही अंतर होता है लेकिन माल डिलीवरी लेने के बाद ही समझ में आता है कि ठगाई हो चुकी है. वेसे भी सस्ता माल रिजेक्टेड व घटिया क्वालिटी (Poor Quality and Rejected Goods) का होता है, इसीलिये माल के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी जाती है.

प्रत्येक आर्डर छोटा (Small Order) होता है जिससे उपभोक्ता मुकदमेबाजी (Court Case) में उलझाना नहीं चाहता : नापतोल साधारणतया 2000 रूपयों तक के ही माल बेचती है जिसे डिस्काउंट (Discount) के नाम पर कीमती बताया जाता है. माल ऐसे बेचा जाता है, जेसे नापतोल (Naaptol) देश के नागरिको को खेरात (Charity) में बाँट रहा हो. नापतोल को मालूम है कि छोटी कीमत के माल की धोखाधडी (Cheating)  के लिए कोई भी उपभोक्ता वकील का खर्चा (Advocate Cost) कर मुकदमा (Court Case) नहीं कर सकता जिससे इनके झूठ को कोई चेल्लेंज नहीं करता. इस जमाने में 2000 रूपयों में कोई वकील भी नहीं मिलता और इतनी छोटी रकम की एफ.आई.आर के लिए तो थानेदार भी मना कर देगा. इस कमजोरी का पूरा फ़ायदा नापतोल उठा रही है.

 गरीब व निम्न माध्यम वर्ग (Poor and Lower Middle Class) पर निशाना : नापतोल का निशाना गरीब वर्ग (Poor Class) व निम्न मध्यम वर्ग (Lower Middle Class) है जिसे माल की खूबसूरती का सपना दिखाकर जाल में फंसाया जाता है. गरीब वर्ग व निम्न मध्यम वर्ग कानूनी विवाद (Legal Controversy) में भी नहीं पड़ना चाहता,  इस कमजोरी का पूरा फ़ायदा नापतोल उठा रही है.

 एक ग्राहक को कम से कम एक बार फंसाने का टारगेट होता है : नापतोल का टारगेट एक ग्राहक को कम से कम एक बार फंसाने का होता है. कल्पना करे 125 करोड़ उपभोक्ता को एक-एक बार भी फंसा लिया जाए तो समझो नापतोल तो मालामाल हो जाएगा. इसलिए सभी देशवासियों को सावधान कर रहे है कि एक बार भी नापतोल में नहीं फंसे और नापतोल के लिए अपने सभी परिजनों व मित्रो को शिक्षित करे कि यह नापतोल ऑनलाइन ठग (Naaptol is an online cheater) है.

सरकार मूक दर्शक बनी रहती है (Government merely Spectator only) : सरकारों और नेताओं (Political Leaders) को तो राज करने से फुर्सत ही नहीं है वो क्या उपभोक्ताओं को बचायेगी. वेसे ऐसे ठगों को राजनीतिक संरक्षण (Political Protection) भी रहता है जिससे उनके होंसले बुलुंद रहते है. आप देखेंगे कि कोई भी राजनेता और पार्टी ऐसे मामलों में कोई रुचि (Interest) नहीं रखती.

Related Post

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

INDIA BAN PALM OIL IMPORTS

The government on Wednesday put restrictions on import of refined palm oils. According to a notification of the Directorate General of Foreign Trade (DGFT), ...

SiteLock