Wednesday, January 15, 2020

आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी (Adarsh Credit Cooperative Society) के पूर्व-प्रबंध (Ex-management) ने निवेशको (Investors) की नाराजगी को शांत करने के लिए फिर दिखाया सपना (Dream) ? – अध्यक्ष, नया भारत पार्टी (President, Naya Bharat Party)  

आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी (Adarsh Credit Cooperative Society) के पूर्व-प्रबंध (Ex-management) ने निवेशको (Investors) की नाराजगी को शांत करने के लिए फिर दिखाया सपना (Dream) ? – अध्यक्ष, नया भारत पार्टी (President, Naya Bharat Party)

 

4 फ़रवरी, 2019 : कल सोशल मीडिया (Social Media) में आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी के पूर्व-प्रबंध द्वारा निवेशको की नाराजगी को शांत करने के लिए फिर एक ‘नया सपना’ (New Dream) आदर्श-मोदी ग्रुप (Adarsh-Modi Group) समर्थित एक यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रचारित किया गया कि आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी ने अपनी कुछ या सारी सम्पतियो को कलकत्ता के एक ग्रुप (Kolkatta Group) को रू. 9,711 करोड़ में बेचने का सौदा (Sale Agreement) कर दिया है जिससे सभी 20 लाख निवेशक (20 Lacs Investors) सुरक्षित हो गए है और 4 लाख लोगो का रोजगार (Employment of  4 Lacs) भी बच जाएगा. हमेशा की तरह एक प्रेस विज्ञप्ति ( Press Note) जारी की गयी और कई अखबारों (News Papers) ने सौदे की शर्तो (Terms of Sale Agreement) की कोई जानकारी लिए बिना ही, उस प्रेस विज्ञप्ति को हुबहू खबर (News) बनाकर प्रकाशित कर दिया ?

कौन सी सम्पतियो का सौदा – Sale Agreement of which properties) : मोटे तौर पर आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी न तो रियल स्टेट (Real Estate) का व्यापार करती थी और न ही उसके पास खुद की ऐसी जमीन-बिल्डिंग  (Land & Building) है जिसका सौदा सोसाइटी कर सकती है. अत: यह बताने का प्रयास किया गया कि ऋणीयो की सोसाइटी को जमानत (Security of Borrowers) में रखी सम्पतियो को बेचने का सौदा किया जो कि हिन्दुस्तान के कानूनों के लिए एक नई और अनोखी बात है. भारत के क़ानून में इतना सरल रास्ता यदि उपलब्ध है विजय माल्या (Vijya Malya) आदि की सम्पतियो को बेचने से केंद्र सरकार या बेंको (Central Government and Banks) को कौन रोक रहा है ?

सौदे की शर्ते क्या है और एडवांस कितना मिला  (Terms of Sale Agreement and Advance) : किसी भी अखबार या आदर्श के यूट्यूब चैनल ने यह नहीं बताया कि किन-किन ऋणीयो  की सम्पतियो (Properties of which Borrowers) को किन-किन शर्तो (which terms and conditions) पर बेचने का सौदा हुआ है और सौदे के पेटे कितने करोड़ की रकम एडवांस (How much advance) मिली. और खरीददार कंपनी ( Buyer Company) इस सौदे से कितनी बाध्य है और सौदा कैंसिल (Agreement Cancel) हुआ या पार नहीं लगा तो फिर निवेशको का क्या होगा.

सौदे कैंसिल हुआ तो क्या होगा (If Agreement Cancels) : भारत (India)  व प्रॉपर्टी जगत (Property World / Real Estate World) में सम्पतियो के सौदे होना और उनका रद्द होना कोई बड़ी बात नहीं है. कुछ लोगो को आशंका है कि  मुकेश मोदी व राहुल मोदी (Mukesh Modi and Rahul Modi) की जमानत की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Hearing in Supreme Court on Bail matter) में आज ही होनी तय है अत: सुप्रीम कोर्ट को दिखाने व संतुष्ट के लिए ऐसा एक समझोता तेयार किया गया है जिससे निवेशक भी चुप हो जायेंगे. जब तक सौदे की शर्ते ही नहीं बल्कि पूरा समझोता देश के सामने नहीं आ जाता, ऐसे सौदे का कोई अर्थ ही नहीं है. आदर्श-मोदी ग्रुप से मांग (Demand from Adarsh-Modi Group) है कि सौदे के समझोते को हुबहू जग जाहिर (Disclose the agreement) कर देश को बताये कि वाकई कोई क़ानून सम्मत सौदा (Lawful Sale Agreement) हुआ है या सिर्फ सपना (Dream Only) ही है.

17.12.2018 से सोसाइटी का प्रबंध किसके अधीन है (Present Management of Society)  : नया भारत पार्टी के अध्यक्ष (Naya Bharat Party President)  को आरटीआई में (RTI) मिली जानकारी व दस्तावेज के आधार पर 17.12.2018 से सोसाइटी का प्रबंध (Management of Society)  लिक्विडेटर श्री एच.एस.पटेल (रिटायर्ड आईएस) [ Liquidator Shri H.S.Patel) के अधीन है, तो  राहुल मोदी केसे कोई भी सौदा  सोसाइटी की सम्पतियो का कर सकता है ?  और कर भी दिया तो उसकी कानूनी स्थिति क्या है, उसको मुकेश मोदी व राहुल मोदी ने स्पष्ट नहीं किया है. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी पूर्व-प्रबंध (Ex-management) Adarsh Credit Cooperative Society) व लिक्विडेटर दोनों को यथा स्थिति (Status Quo) कायम रखने के लिए बाध्य किया है तो मुकेश मोदी व राहुल मोदी सोसाइटी की तरफ से कोई भी नया निर्णय या सौदा केसे कर सकते है ?

कानूनी अड़चनों की सलटने की शर्तो पर हुआ हो सकता है समझोता (Agreement may be subject to Decisions on disputed issues) : निवेशको को शायद मालूम है या नहीं, आदर्श-मोदी ग्रुप के खिलाफ चार मुकदमे NCLT की चार बेंचो (NCLT Chandigarh – चंडीगढ़, , NCLT Jaipur – जयपुर, NCLT Ahemadabad – अहमदाबाद व NCLT Chennai – चेन्नई) में चल रहे है और सभी कंपनियों की सम्पतियो को बेचने / हस्तांतरण पर पाबंदी लगा रखी है और SOG ने भी जयपुर में गंभीर FIR दर्ज की है और गुडग्राम कोर्ट में भी एक मुकदमा दर्ज है. इसके अलावा गुजरात हाई कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में मामले लंबित है और आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी तय है. इतनी अड़चनों के चलते कोई समझदार व्यक्ति किसी भी प्रॉपर्टी को नहीं खरीदेगा लेकिन सम्पतियो के टाइटल फ्री होने की शर्त पर, फिर भी कोई समझोता हो सकता है.

नया भारत पार्टी क्या चाहती है : देश की जनता को ध्यान रहे की इस प्रकरण से जुड़े कुछ मामले 2012 से सीबीआई (CBI) के सामने आ गए थे लेकिन सीबीआई ने कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि मुकेश मोदी के साथ षडयंत्र कर के उल्टा शिकायतकर्ता को फंसाने व परेशान करने की कोशिश की. 2012 से व खासतोर से 2014 से इस प्रकरण से जुड़े कई राज सोशल मीडिया में चल रहे थे. यही नहीं, जनवरी, 2018 से सारा मामला वर्त्तमान प्रधान-मंत्री कार्यालय (PMO), वित्त मंत्रालय (Finance Ministry), आयकर विभाग (Income-tax Department)  व केन्द्रीय रजिस्ट्रार (Central Registrar)  के सामने है. सत्ताधारी लोग इन्हें संरक्षण देते रहे. लेकिन क्यों आप स्वयं सोच सकते है कि घोटालेबाजो को नेता लोग क्यों बचाते है और क्यों संरक्षण देते है ?

ज्ञात रहे कि इस मामले से काफी छोटे लगभग 3000 करोड़ के पश्चिम बंगाल के शारदा चिट घोटाला (Sharda Chit Scam Of West Bengal) की चर्चा की जाती है लेकिन प्रेस, मीडिया और सरकारो की तरफ से अभी तक आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी व आदर्श-मोदी ग्रुप से सम्बंधित 12000 करोड़ से भी बड़े मामले के सारे तथ्यों व विवादों को छिपाया या दबाया जाता रहा है, अत: केंद्र,  राजस्थान सरकार व अन्य राज्य सरकारे आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी व आदर्श-मोदी ग्रुप से सम्बंधित सारे तथ्यों, विवादों व वर्त्तमान स्थिति को जगजाहिर करे और निवेशको को पैसा केंद्र सरकार लोटाये क्योकि निवेशको के फंसने के पीछे सरकारों व नेताओं का सहयोग या उदासीनता ही जिम्मेदार है.

 

 

Related Post

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

INDIA BAN PALM OIL IMPORTS

The government on Wednesday put restrictions on import of refined palm oils. According to a notification of the Directorate General of Foreign Trade (DGFT), ...

SiteLock