एक नंबर में वी.सी. VC केसे चलाये ?
एक नंबर में वी.सी. VC केसे चलाये ?
अनोपचारिक – दो नंबर की VC बहुत रिस्की होती है. आयकर, कोर्ट और पुलिस FIR मामले में.
इसीलिये सुझाव है कि एक नंबर में वी.सी. VC चलाये. अधिकतम 20 सदस्यों की भागीदारी फर्म या LLP बनाई जाए. भागीदारी फर्म रजिस्टर्ड हो तो बेहतर, नहीं तो LLP.
किसी एक भागीदार को VC संयोजक या प्रबंधक नियुक्त करे. व्यवस्थित VC के लिए सदस्यों में से ही नियुक्त संयोजक या प्रबंधक को मेहनताना दिया जाए और मेहनताना की भी बोली लगे. जो सबसे कम मेहनताना ले, वही बने संयोजक या प्रबंधक . socially मिलना हो तो ठीक अन्यथा सारी बोलिया व्हात्सप्प से हो.
सभी भागीदारो को बराबर हिस्सा नफे में से, यदि नफ़ा / लाभ बचता हो. फर्म पर आयकर नहीं लगे अत: सभी भागीदारो को बराबर remuneration मिले. जरूरत के हिसाब से प्लान करले.
भागीदारी फर्म का ऑनलाइन बैंक अकाउंट हो जिसका संचालन कम से कम दो भागीदारो के हस्ताक्षर से हो. संभव हो तो एक ही बैंक में सभी भागीदारो के खाते रहे. सभी पार्टनर ऑनलाइन ट्रान्सफर करे.
संयोजक या प्रबंधक व्हात्सप्प ग्रुप बनाकर आपसी सूचना तंत्र तेयार करे. पहले ऑनलाइन सुविधा नहीं थी तो बैंक व्यवहार में समय व खर्चा बहुत ज्यादा. ऑनलाइन सुविधा होने से अब vc MULTICITY / अप-कंट्री भी संभव है. वी.सी. भागीदारी के एकाउंट्स एंट्रीज़ का सिस्टम सेट किया जा सकता है.
बचत, निवेश व सहयोग का सहकारिता का एक अच्छा रास्ता हो सकता है.