क्या मात्र जीएसटी (GST) के दायरे में आ जाने से पेट्रोल-डीजल की कीमते (Petrol-Diesel Prices) कम हो जायेगी – सिर्फ एक जुमला
क्या मात्र जीएसटी (GST) के दायरे में आ जाने से पेट्रोल-डीजल पेट्रोल-डीजल की कीमते (Petrol-Diesel Prices) कम हो जायेगी – सिर्फ एक जुमला
दिन प्रतिदिन पेट्रोल-डीजल की कीमते लगातार बढ़ती जा रही है और डीजल की कीमते तो आजकल रोज ही नया इतिहास बना रही है. संभवत: डीजल की कीमते भी पेट्रोल कीमतों की पूरी बराबरी कर लेगी. अन्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों (International Crude Prices) में ऐसी कोई अप्रत्यासित बढ़ोतरी नहीं हुई है. लेकिन हमारी सरकार बार-बार जीएसटी से दूरी व राज्य सरकारों के वैट को जिम्मेदार बताती है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतो में जीएसटी का कोई लेना देना ही नहीं है : पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लगाया ही नहीं गया और वैट (VAT) पहले की तरह ही लागू है, जिससे पेट्रोल-डीजल पर पूर्व की तरह ही केंद्र व राज्य सरकारे मनचाहा टैक्स आज भी वसूल रही है. अत: आज की तारीख में पेट्रोल-डीजल की कीमतो का जीएसटी से कोई सम्बन्ध नहीं है लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा भाग सरकारी करो का है.
क्या पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से कीमते कम हो जायेगी ? : पेट्रोल-डीजल की कीमतों का जीएसटी से लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. ‘वैट के नाम’ की जगह ‘जीएसटी का नाम’ आ जाएगा, उससे कीमते कम नहीं होगी. चाहे वैट हो या जीएसटी, फर्क पडेगा सिर्फ सरकार की नीति और नियत (Govt. Policy and Intention) से. पहले पहल तो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी की दायरे में लाना ही अब असंभव है और यदि वैट की जगह जीएसटी लगा भी दिया गया तो जीएसटी के साथ भी वही होगा जो वर्त्तमान में वैट व अन्य केन्द्रीय टैक्स (Central Tax) के साथ हो रहा है.
क्या सरकार के मंत्री झूठ बोल रहे है : “पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से कीमते कम हो जायेगी”, कोई भी मंत्री यदि ऐसा कहता है तो वह सरासर झूठ बोलता है और देश की जनता को गुमराह करता है. अंत में इसे भी झूमला करार दिया जाएगा. वेसे भी ‘जितना बड़ा नेता – उतना ही बड़ा झूठ’ का समय चल रहा है. आज पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार ‘केन्द्रीय कर’ कम करदे, कीमते अपने आप नीचे आ जायेगी, लेकिन सरकार न तो ऐसा करेगी और न ही इस सच्चाई को स्वीकार करेगी. बेचारी जनता झूठ का स्वाद का आनंद लेते हुए अच्छे दिनों का इंतज़ार करती रहेगी.
क्या पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आ जायेंगे ? : अब तक जीएसटी के दुष्परिणामो (Negatives Of GST) से राज्य सरकारे वाकिब हो चुकी है. जीएसटी के बाद राज्य सरकारों को इस बात का भी अहसास होने लग गया है कि वो किस तरह से मोटे तोर पर केंद्र सरकार पर आश्रित हो चुकी है, अत: बीजेपी सहित कोई भी राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल पर अपना नियंत्रण छोड़कर जीएसटी के हवाले नहीं करेगी. राज्य सरकारों के राजस्व के साधन काफी कम हो चुके है, अत: किसी भी कीमत पर कोई भी राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल पर से अपना हक़ जीएसटी को सुपुर्द नहीं करेगी. परिणामत: कम से कम 2022 तक पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं आयेंगे.
सीए कैलाश चंद्रा (CA. K.C.Moondra)