Tuesday, July 23, 2019

आदर्श क्रेडिट सोसाइटी में रोजगार के लिए एजेंट और निवेश के लिए निवेशक कितने सुरक्षित ?  

आदर्श क्रेडिट सोसाइटी में रोजगार के लिए एजेंट और निवेश के लिए निवेशक कितने सुरक्षित ?

1. तीन तरह के रोजगार – मोदी परिवार, कर्मचारी व सभी तरह एजेंट (एजेंट के ऊपर भी एजेंट)

2. सबसे ज्यादा गालिया देने वाले है – एजेंट क्यों ?

3. दोनों विषयो सुरक्षित रोजगार व सुरक्षित निवेश से पहले देश के कानूनों के सम्बन्ध में चर्चा करना चाहूंगा.

4. अपने स्वार्थ के लिए धोखा-धडी में संलिप्त संस्था / लोगो के लिए काम करना भी कानूनी अपराध है, यदि उसे ज्ञात है कि संलिप्त संस्था / लोग धोखा-धडी में कर रहे है.

5. सच्चाई मालूम होने के बावजूद, अपने वेतन व कमीशन (निजी लाभ) के लिए निवेश के लिए प्रेरित करना धोखा-धडी ही है. वर्त्तमान निवेश तो 100% धोखा-धडी ही है.

6. धोखा-धडी पूर्ण कार्य में सहयोग करना यानिकी धारा 120B के तहत षडयंत्र में शामिल होना होता है.

7. धोखा-धडी में संलिप्त संस्था / लोगो से अच्छा रोजगार नहीं मिल सकता.

 

8. एजेंट झूठ बोल कर निवेश ले रहे है, अत: एजेंट्स की भी धोखा-धडी है

(a) बस जमानत मिलने वाली है, जमानत मिलते ही पेमेंट आ जाएगा.

(b) सोसाइटी में कुछ भी गलत नहीं हुआ है, यह तो सिर्फ राजनीति है.

(c) कोई अपने निजी स्वार्थ के लिए मोदी परिवार को फंसा रहा है.

(d) इस संस्था / सोसाइटी का निवेश सुरक्षित है.

(e) सोसाइटी के पास बहुत सारी संपतिया है. आदि आदि
9. रोजगार के आंकड़े – 4 लाख गलत है. अधिकाँश काल्पनिक एजेंट है. 1 लाख से ज्यादा नहीं.

10. सदस्यों के साथ एजेंट के मार्फ़त व्यवहार करना सहकारिता सिद्धांत के भी खिलाफ है.

11. एजेंट्स के ऊपर चैन के एजेंट्स को कमीशन देना तो सहकारिता सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है.

12. चूकि आदर्श धोखा-धडी में संलिप्त है, अत: वहा किसी भी एजेंट और कर्मचारी का भविष्य सुरक्षित ही नहीं बल्कि लगभग समाप्त है.

13. आज आवश्यकता है और हमारा निवेदन है कि इमानदार एजेंट्स अंध-भक्ति छोड़कर निवेशको बचाने के लिए समुचित प्रयास करे.

14. दूसरे रोजगार की तलाश कर ले : मोदी परिवार और देश का कोई भी राजनेता इस सोसाइटी को अब नहीं बचा सकता, अत: समय रहते वास्तविक बेरोजगार / जरूरतमंद लोग नया रोजगार ठूंठ ले.

 

15. निवेशक कितने सुरक्षित –
A. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग ने बहुत बड़ा केस बनाया है, आयकर विभाग की मांग कायम हो जाने से पहले-पहले मेहनती निवेशक आंशिक रूप से कुछ हासिल कर सकते है.

B. मेरी कानूनी जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग की मांग कायम हो जाने के बाद निवेशक शायद कुछ भी हासिल नहीं कर सकेंगे.

C. जितनी ज्यादा देर तक लिक्वीडेटर को काम नहीं करने दिया जाएगा, निवेशक की रिस्क बढ़ती जायेगी और पैसा मिलने के चांस कम होते जायेंगे.

इस विषय का विडियो सुनने के लिए यही क्लिक करे. 

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