नोटबंदी योजना में सहयोग कर सीमा पर खड़े फौजी की तरह देश के दुश्मन ‘कालाधन व पाकिस्तान’ का मुकाबला करे.
नोटबंदी योजना में सहयोग कर सीमा पर खड़े फौजी की तरह देश के दुश्मन ‘कालाधन व पाकिस्तान’ का मुकाबला करे – न्यूज़ क्लब
यह तो स्पष्ट दिख रहा है कि ‘मोदीजी की 500 रूपये व 1000 रूपये के नोट (करेंसी) बंद करने की योजना’ के क्रियान्वयन में कुछ अतिउत्साह, मजबूरियों, लापरवाही, अव्यवस्था व दूरदर्शिता की कमी के कारण भारतीय जनता को भारी लेकिन अस्थाई / तात्कालीन परेशानी झेलनी पड़ रही है. लेकिन हम सब की परेशानी ‘सीमा पर 24 घंटे सुरक्षा करने वाले सेनिको / फौजियो’ से बहुत कम है. अत: प्रत्येक नागरिक को भारत के एक बहादुर सिपाही तरह देश के दुश्मन पाकिस्तान (जो कि नकली नोटों का उत्पादक व आतंकवाद के माध्यम से भारत में कालाधन का पोषक है) से बिना सीमा पर जाए मुकाबला करके हमारे भारतवर्ष को मजबूत करना चाहिए.
वेसे तो भारत का प्रत्येक नागरिक ‘500 रूपये व 1000 रूपये’ के नोट (करेंसी) बंद करने योजना’ के उद्देश्यों से वाकिब है, फिर भी मै आप सभी पाठको का ध्यान योजना के उन कुछ विशिष्ट उद्देश्यों की तरफ ले जाना चाहूँगा –
- पाकिस्तान द्वारा पैदा किए गए सभी नकली नोटों को जड़ से समाप्त करना.
- नकली नोटों व कालाधन पर आश्रित पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को मुहतोड़ जवाब देना.
- नक्सलवाद में काम आने वाले कालाधन को जड़ से समाप्त करना.
- देश के कुछ अतिभ्रष्ट राजनेताओं, सरकारी अफसरों, दो नंबर के कारोबारियो के कालाधन को जितना संभव हो सके समाप्त करना व कम करना.
इससे स्पष्ट है कि ‘नोटबंदी योजना’ का टारगेट मुख्य रूप से पाकिस्तान है और आप यह कह सकते है कि यह ‘नोटबंदी योजना’ पाकिस्तान द्वारा जारी छद्म युद्ध का मुह तोड़ जवाब है जिसमें पाकिस्तान बिना गोली-गोलों के भारत का सीना छलनी कर रहा है. साधारणतया आम नागरिको को पाकिस्तान से लड़ने का सीधा मौका नहीं मिलता है लेकिन इस ‘नोटबंदी योजना’ के माध्यम से देश के हर नागरिक को बिना सीमा पर जाए पाकिस्तान से लड़ने के लिए फौजी / सिपाही बनने का यह मोका मिला है.
कठिन व विपरीत हालात में एक सिपाही सीमा पर सर्दी, गर्मी, बर्फ में, भूखा, प्यासा अपनी जान को हथेली में लेकर पाकिस्तान व उसके आतंकवाद से लड़ रहा है, हमारा मानना है कि हम सब भारतीय नागरिक कुछ चन्द दिनों के लिए भारतीय सिपाही बनकर (कुछ मामूली से कष्ट झेलकर) व अपने समाज में रहकर इस ‘नोटबंदी योजना’ के माध्यम से पाकिस्तान के विरुद्ध लड़ाई लड़ सकते तथा लड़ रहे है.
अत: वर्तमान हालात में सभी नागरिक एक भारतीय सिपाही का कर्तव्य निभाये तथा बिना सीमा पर जाए, इस ‘नोटबंदी योजना’ में नीचे बताये अनुसार कुछ करके व / या बिना कुछ किये, पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब दे सकते है –
- बंद पुराने नोट को बैंक में जमा कराने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं करे.
- अपने पास उपलब्ध छोटे नोट व नए नोट का किफायत से उपयोग करे लेकिन जमाखोरी नहीं करे.
- किसी से भी बंद-पुराने नोट को नहीं खरीदे.
- अपने बैंक खाते को किसी अन्य को दुरूपयोग नहीं करने दे.
- यदि अति आवश्यकता नहीं हो तो बैंक से कम से कम रूपया निकाले तथा बैंक व एटीएम पर कम से कम जाए.
- आपके पास जमा कराने हेतु उपलब्ध रकम को एक मुश्त एक बार में ही जमा कराये.
- संभवतया कम से कम रोकड़ / नकदी व्यवहार करे.
- हालात से बने जरूरतमंद की यथा संभव मदद करे.
- बैंक / एटीएम में ‘मंदिर में एक दर्शनार्थी’ की तरह अनुशासन में रह कर सभी अन्य लोगो को सहयोग करे.
- कुछ दिनो के लिए अपनी आवश्यकताओं / उपभोगो में कटोती करे तथा अपने शहर के अन्दर व बाहर कम से कम यात्रा करे.
- अपने व्यापार / रोजगार को हो रहे तात्कालिक नुकसान को देश भक्ति की भावना के साथ सहन करे.
- आपस में व सोशल मीडिया में चलने वाली हर तरह की अफवाहों / फालतू की चर्चाओ से दूर रहे.