बड़े नोट बंद होने से आज रहेगी जनता चिंताग्रस्त व कल रहेगी बैंको में भगदड़ लेकिन धेर्य रखकर सुझाव पढ़े
मोदीजी की 500 रूपये व 1000 रूपये के नोट (करेंसी) बंद करने घोषणा निश्चित ही स्वागत योग्य है लेकिन आज से देश की पूरी जनता आर्थिक आपातकाल के अधीन भारी चिंताग्रस्त होगी और कल बैंको के लिए ऐतिहासिक भगदड़ का दिन होगा जो कई महीनो तक ख़त्म नहीं होगी क्योकि बाजार / व्यापार कई महीनो तक लकवाग्रस्त नजर आयेगा लेकिन आम नागरिक बिना घबराये थोड़ा धेर्य रखे, उन्हें जल्दी ही रास्ते नजर आने लगेंगे.
ऐसा प्रतीत होता है कि मोदीजी की यह बड़ी घोषणा, बिना भारी तेयारी के की गयी है या सारी बाते अभी तक नहीं खोली गयी है जिससे भगदड़ व दशहत जेसे हालात नजर आ सकते है. भारतीय जनता की भगदड़ व दशहत वाली मानसिकता व देश की प्रशासनिक पंगु व्यवस्थाओं के चलते पेनिक (Panic) तो पैदा होगा ही. अत: अब यदि भारत सरकार काले धन व नकली नोटों के खात्मे के लिए जनता का दर्द थोड़ा कम करना चाहे तो निम्त सुझावों पर तत्काल कुछ घोषणाये कर सकती है या स्पष्टीकरण दे सकती है -.
जनता के दर्द को कम करने के लिए सरकार / रिज़र्व बैंक के लिए तत्काल सुझाव
- बैंको को अपने ग्राहकों से बिना किसी सीमा (Limit) के 500 रूपये व 1000 रूपये के नोट ग्राहकों के खातो में जमा करने के लिए छुट देनी चाहिए तथा उसका अलग से हिसाब / रिकॉर्ड रखना चाहिए लेकिन बैंक स्तर पर रूपयों / आय के स्रोत्र (Source) के बारे में कोई भी पूछताछ नहीं होनी चाहिए.
- अगले कम से कम 30 दिन तक, अपने ग्राहकों से 500 रूपये व 1000 रूपये के नोटों को स्वीकार करने व नोटों को बदलने के लिए के लिए बैंको को 24 घंटे खुला रखना चाहिये.
- पुराने बंद किये गए नोटों को बदलने के लिए, नए नोटों की कम सप्लाई की स्थिति में भी, बैंको (व सरकारी कार्यालयों में भी) द्वारा 500 रूपये व 1000 रूपये के पुराने नोटों की जमाये बिना नोट बदले तत्काल स्वीकार की जानी चाहिए तथा नए नोट कुछ दिन बाद में बारी-बारी से दिए जा सकते है.
- 500 रूपये व 1000 रूपये से छोटे नोटों की सप्लाई द्रुतगति से बढ़ा देनी चाहिए.
- 500 रूपये व 2000 रूपये के नए नोटों की छपाई व सप्लाई भी द्रुतगति से बढ़ा देनी चाहिए.
- क्रेडिट कार्ड (भले ही छोटी लिमिट के साथ) की सुविधाए निम्न स्तर तक पहुचाने के लिए बैंको को बाध्य करे.
- सरकारी टैक्स जमा कराने के लिए 500 रूपये व 1000 रूपये के पुराने नोटों को स्वीकार किया जाना चाहिए जिसका भी आसानी से रिकॉर्ड रखा जा सकता है.
- बैंको को चेको / नयी चेक बुको की सप्लाई भी भारी मात्रा में बढानी चाहिए.
आम जनता के लिए तत्काल सुझाव
- आज से ही किसी भी हालत में कल तक चल रहे 500 रूपये व 1000 रूपये का नोट नहीं ले / स्वीकार नहीं करे.
- आपका 500 रूपये व 1000 रूपये का नोट रद्दी नहीं हुआ है, उसकी पूरी कीमत चुकाने के लिए रिज़र्व बैंक / भारत सरकार उत्तरदायी है. अत: ऐसी कोई भी नकारात्मक चिंता नहीं करे.
- ज्यो-ज्यो सरकार को जनता की तकलीफे समझ में आयेगी, सरकार खुद कई नए-नए रास्ते निकालेगी / छूटे देगी, अत: घबराये नहीं, शान्ति से आने वाले कुछ दिनों का इन्तजार करे.
- कुछ दिनों के लिए छोटे-छोटे नोटों का उपयोग भी भारी किफ़ायत (कंजूसी) से करे अन्यथा घर चलाना भी मुश्किल हो जाएगा.
- नजदीक भविष्य में बैंक के चेको का भी अकाल पड सकता है, अत: चेको का भी किफायत से उपयोग करे.
- जहा भी तथा जहा तक संभव हो सके, हाल-फिलहाल बैंक (ऑनलाइन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि) के माध्यम से ही भुगतान करे व रोकड़ नोटों का इस्तेमाल नहीं करे या कम से कम करे क्योकि हर घर में आर्थिक इमरजेंसी लागू हो चुकी है.
- नए नोटों का अनावश्यक संग्रहण नहीं करे अन्यथा दूसरो को तकलीफ होगी.
- बिना जल्दबाजी किये, समय रहते 500 रूपये व 1000 रूपये के नोटों को बैंक या पोस्ट ऑफिस से बदलवा ले.
- तात्कालिक तकलीफ को छोड़कर, एक नंबर के व्यापारियों, काले-धन व दो नंबर वालो के लिए यह चिंता का विषय होना ही नहीं चाहिये है. हां, असली चिंता व नुकसान ‘नकली नोटों’ वालो को अवश्य होगा.
- भीड़, भगदड़, जल्दबाजी व चिंता से बचे.
- CA. K.C.Moondra (सीए. के.सी. मूंदड़ा)